नोएडा: सामाजिक कार्यकर्ता डाक्टर आनन्द आर्य ने विशेष संवाद में बताया कि होली, दुलेंहडी के पर्वों के बाद, नोएडा गौतम बुद्ध नगर जनपद के दुजाना गांव में एक अद्वितीय मेला हर साल दादी सती जयंती के अवसर पर आयोजित होता है। इस मेले में श्रद्धालुओं की भावनाओं का संगम होता है, जहां वे दादी सती के मंदिर पर प्रशाद चढ़ाते हैं और मन्नतों की मांग करते हैं।
धार्मिक उत्सव का धूमधामी स्वागत:
दादी सती जयंती के दिन, नोएडा के गांव तिल्हेंडा में एक आधिकारिक मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में स्थानीय लोग और पर्यटक एकत्र होते हैं, जिन्हें धार्मिक उत्सव के रंग, धुन और आत्मा से भरा महसूस होता है।
श्रद्धालुओं का संगम:
यह मेला विभिन्न श्रेणियों के लोगों को एकत्रित करता है। वे धार्मिक गानों और भजनों के साथ दादी सती की पूजा-अर्चना करते हैं।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ:
मेले में गीत-संध्या, नृत्य-नाट्य और रंग-बिरंगे वस्त्रों का प्रदर्शन होता है। इसके साथ ही, स्थानीय कलाकारों का प्रस्तुतिकरण भी मेले को रंगीन बनाता है।
सामाजिक संगठन:
मेले में सामाजिक संगठनों द्वारा विभिन्न सेवाओं का वितरण किया जाता है, जैसे कि भोजन, पानी, और चिकित्सा सेवाएं।
पर्यटन का केंद्र:
इस मेले को पर्यटकों का भी केंद्र बनाया जाता है। उन्हें स्थानीय कला, सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक अनुभव का अवसर मिलता है।
दुजाना के कांलिज का होता है वार्षिकोत्सव:
दादी सती जयंती के अवसर पर श्री गांधी इंटर कॉलेज दुजाना मे कांलिज का वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष किया जाता है। कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री भी भाग ले चुके हैं।
निष्कर्ष:
इस मेले से नोएडा की सांस्कृतिक धरोहर का प्रमुख रूप से प्रदर्शन होता है, जो धार्मिक और सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है। यह एक ऐसा अवसर है जो समाज को एक साथ लाता है और सामूहिक उत्साह का संचार करता है।
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