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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के ऐतिहासिक पावन पर्व पर जो प्रतिवर्ष संपूर्ण विश्व में 8 मार्च को बड़े हर्ष और उल्लास से मनाया जाएगा।


मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर ‌
गौतमबुद्धनगर ‌।अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के ऐतिहासिक पावन पर्व पर जो प्रतिवर्ष संपूर्ण विश्व में 8 मार्च को बड़े हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है मैं सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। महिला दिवस का मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना व समाज के विकास में महिलाओं के अभूतपूर्व योगदान और समर्पण तथा त्याग और तपस्या से अवगत कराना भी है। इतिहास साक्षी है कि जब भी भारत की एकता और अखंडता को किसी भी नापाक हरकतों ने ठेस पहुंचाने की साजिश रची है भारत की महिलाओं ने आदमय में साहस और वीरता का परिचय देते हुए अपने प्राणों की आहूति देकर भारत के गौरव को बढ़ाया है। भारत की महिलाओं का प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान है जिसको कभी भी बुलाया नहीं जा सकता या वह शिक्षा के क्षेत्र की बात हो या वह चिकित्सा के क्षेत्र की बात हो या वह समाज सेवा के क्षेत्र की बात हो या भारत की सुरक्षा की बात हो ।या परिवार के पालन पोषण की बात हो या वह प्रशासनिक सेवाओं में पदाधिकारी के रूप में जिम्मेदारी की बात हो या राजनीति के क्षेत्र की बात हो या खेल क्षेत्र की बात हो अपनी अदभूत प्रतिभा का परिचय देकर दुनिया में अपना लोहा मनवाने का काम किया है। इसीलिए एक कहावत चरितार्थ है आज की महिला सब पर भारी, खेल के क्षेत्र में तो महिलाओं ने ओलंपिक और एशियाड गमों में पदको की बौछार लगाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का सम्मान बढ़ाया है इसमें कुछ आदरणीय महिलाओं के नाम है जैसे पी टी उषा, पी वी सिंधु, बबीता फोगाट, मैरी कॉम, बबीता नागर सानिया मिर्जा ,राजनीति के क्षेत्र में बहन मायावती, सुषमा स्वराज निर्मला सीतारमण ,किरण बेदी सोनिया गांधी ,ममता बनर्जी सरोजिनी नायडू ,आयरन लेडी इंदिरा गांधी  ,प्रतिभा देवीसिंह पाटिल द्रोपदि मुर्मू आदि।  ग्लैमर की दुनिया  में श्रीदेवी ,रेखा ,माधुरी दीक्षित ऐश्वर्या राय, दीपिका पादुकोण, हेमा मालिनी जयप्रदा  शिल्पा शेट्टी आदि समाज सेवा के क्षेत्र में मदर टेरेसा स्वर कोकिला लता मंगेशकर आदि बिजनेस की दुनिया में इंदिरा नूरी अदिति गुप्ता नीता अंबानी, ईशा अंबानी आदि ने अपना परिचय देते हुए व्यापार के क्षेत्र में अपनी कुशल प्रतिभा का परिचय दिया है।  प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति में भी महिलाओं का अहम योगदान रहा था। जैसे की रानी लक्ष्मीबाई ,अवंती बाई लोधी, बेगम हजरत महल आदि वीरांगनाओं का योगदान उल्लेखनीय है ।वर्तमान में भी महिलाओं को जो जिम्मेदारी दी जाती है उसे वह बेखूबी अपने दायित्वों का निर्वाह करती हैं। आज जीवन कोई भी क्षेत्र हो  प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से बेहतर कार्य कर कर अपनी प्रतिभा का परिचय दे रही है। महिलाओं के योगदान को ध्यान में रखकर भारतीय संविधान में भ उनको विशेष महत्व दिया गया है। संविधान के अनुच्छेद 14, 15 ,16 42 ,आदि में महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान सुनिश्चित किए गए हैं 1993 में 73वें संवैधानिक संशोधन के द्वारा ग्राम पंचायत, नगर निकाय चुनावों में महिलाओं के लिए एक तिहाई स्थान आरक्षित किए गए हैं हाल ही में 2023 में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के द्वारा लोकसभा और विधानसभा में 106वें संविधानिक संशोधन अधिनियम के द्वारा महिलाओं के लिए एक तिहाई स्थान सुनिश्चित किये गये है जो जल्दी ही प्रभावी होने वाले है महिलाओं के लिए संविधान के निर्माण से लेकर आज तक सैकड़ो ऐसे कानूनों  का निर्माण किया गया है जो महिलाओं को सशक्त  और आत्मनिर्भर बनाते हैं‌ जैसे की  1 अनैतिक व्यापार निषेध कानून 1956 ,2 दहेज निषेध कानून 1961, 3 महिला     अ मर्यादित चित्रण निषेध कानून 1986, 4 सती निषेध कानून 1987,5 घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून 2005, 6 कार्यस्थल में महिला दुराचार निषेध कानून 2013, 7 मातृत्व लाभ कानून 1961, 8 पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994, 9 गर्भपात निषेध कानून 1971, 10 राष्ट्रीय महिला आयोग कानून 1960 आदि अनेकों कानून का निर्माण भारतीय संविधान में किया गया है जिनका उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षा देना एवं उनके अधिकारों की रक्षा करना है। क्योंकि महिला स्वभाव से बहुत ही शालीन व कोमल स्वभाव की होती हैं। उनके योगदान के लिए मैं आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस पावन पर्व पर सभी महिलाओं को नमन करता हूं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं ।  इस अवसर पर कुछ स्वरचित लाइन समर्पित कर रहा हूं" बेटियों को दे शिक्षा क्योंकि शिक्षा से होता इनका उद्धार
बेटियों को ने दे दहेज क्योंकि इससे होता इनका विनाश ।लेखक प्रोफेसर बीएस रावत अधिवक्ता पुत्र श्री दुलीचंद पहलवान ढहकोला फरीदाबाद।

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