गौतमबुद्धनगर।जिले में सीबीएसई बोर्ड परीक्षा शुरू हो गई हैं और यूपी बोर्ड की परीक्षा में काफी कम समय बचा हुआ है। ऐसे में छात्र परीक्ष को लेकर मानसिक तनाव लेने लग जाते हैं। खासतौर पर अच्छे नंबर लाने को लेकर छात्रों में प्रतिद्वंदिता देखी जाती है। आलम यह है कि कई छात्र इतना तनाव ले लेते हैं कि यह आत्महत्या का प्रयास तक भी पहुंच जाते है। शारदा अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ निखिल नायर का मानना है कि परीक्षा के दौरान स्ट्रेस लेना अच्छी चीज है, यह आपकी परफॉर्मेंस को बेहतर करता है। लेकिन तनाव सकारात्मक तरीके से एक लेवल तक ही लेना चाहिए अन्यथा यह मानसिक बीमारी में भी तब्दील हो सकता है। परीक्षा की चिंता को परफॉर्मेंस रिलेटेड स्ट्रेस के रूप में भी जाना जाता है। यह डर, आशंका, घबराहट की स्थिति है, जो परीक्षा से पहले या फिर परीक्षा के दौरान या परीक्षा देने के बाद हो सकती है. इस तनाव से याद करने की क्षमता पर असर पड़ता है और पढ़ने में मन न लगने जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।शारदा अस्पताल मनोचिकित्सक डॉ अभिनीत कुमार ने कहा कि आजकल के बच्चे बहुत स्मार्ट हैं। चीजों को अच्छे से समझते हैं।आप पढ़ाई को लेकर तनाव ले रहे हैं और उस तनाव से आपको नींद न आने, याद रखने में परेशानी हो रही है या फिर परीक्षाओं को दौरान चिड़चिड़ापन अधिक होता है, तो समझ लें कि जो तनाव कम मात्रा में फायदेमंद था, जिससे आप पढ़ाई कर पा रहे थे, वह बढ़ चुका है। अगर आपके अंदर इस तरह के लक्षण आते हैं, तो आप बोर्ड परीक्षाओं अथवा अन्य किसी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं।मनोवैज्ञानिक प्रभाव के रूप में यह तनाव चिंता, चिड़चिड़ापन एवं लाचारी जैसे भावनात्मक लक्षण भी नजर आते हैं। ऐसे में परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए समय रहते तनाव को दूर करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हमें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने के साथ ही भरपूर नींद लेना जरूरी है। हमें इस दौरान योग और अभ्यास (एक्सरसाइज) भी जरूर करना चाहिए। परीक्षा के समय अपनी पसंद की गतिविधियों के लिए समय निकालकर अपना ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। परीक्षा के दौरान एक अच्छा अध्ययन कार्यक्रम (स्टडी शेड्यूल) बनाना, ब्रेक लेना, प्रॉपर नींद ले, पढ़ाई के दौरान बीच-बीच में फोन न देखें, इससे भी दिमाग थकता है. इन चीजों का ध्यान रखने से परीक्षाओं के दौरान मानसिक तनाव से बचा जा सकता है।
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