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शारदा विश्वविद्यालय में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को लेकर सम्मेलन का आयोजन ।



 



 मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर ‌ 

ग्रेटर नोएडा के  नालेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में पब्लिक-पुलिस एनजीओ के सौजन्य से वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को लेकर सम्मेलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व गवर्नर प्रभात कुमार,पूर्व जस्टिस ऑफ इंडिया केजी बालकृष्णन, पूर्व मुख्य सचिव आरके तिवारी और शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने दीप जलाकर किया। इसके दौरान छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े हनुमत निवास अयोध्या के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण कहा कि वरिष्ठ नागरिको के कल्याण पर आयोजित कार्यक्रम दूसरे किसी कार्यक्रम से महत्वपूर्ण होते है। हमारे पूर्वजो ने हमे और देश को दिया है वो सराहनिय है, उनका ये कर्ज हम कभी नही उतार सकते। हमको जो अपने दादा,पिता और वरिष्ठ नागरिक उनके साथ नही होते उनका पोषण दूसरे बच्चों की तुलना में कम होता है। जो युवा अपने वरिष्ठों की सेवा करते है,उनके पास आय,विद्या,यश और बल बढ़ जाता है। आगामी पीढ़ी को ये सोचना चाहिए किस कदर हम उनकी सेवा व मदद कर सकते है।
शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता कहा कि मैं खुद वरिष्ठ नागरिक हूं। मेरा जीवन में कुछ भी हासिल किया वो मेरे माता पिता के संस्कार की वजह से है। हमने से प्रण लिया है कि विश्वविद्यालय छात्र कम्युनिटी कनेक्ट के तहत गांव गांव जाकर बुजूर्गो से बात करें उनकी समस्या सुनें और उनसे ज्ञान प्राप्त करे। हम बच्चों की उनकी इच्छा पूरी कर देते है लेकिन उन्हें ये पता नही होता इसके पीछे कितनी मेहनत लगी है। चाहे दोलत कितनी भी हो लेकिन अच्छा इंसान बनना जरूरी है। हमें हमेशा वरिष्ठ नागरिको के लिए सेवा भाव रखना चाहिए।  कार्यक्रम में झारखंड के पूर्व गवर्नर प्रभात कुमार ने कहा कि ये उम्र सबको आनी है,आज की पीढ़ी समय निकालकर वरिष्ठ नागरिकों के पास जाए उनसे कुछ सिखें आप जीवन में गलतियां करने से बच जाएंगे। वरिष्ठों और युवाओं के बीच संवाद स्थापित करना बहुत जरूरी है। इसके कारण हम दोनों की मदद कर सकते है। नई पीढ़ी को संकल्प लेना जाहिए कि हम अपने परिवार के बुजुर्गो को अकेला नही रहने देंगे। हमें कैरिंग ईको सिस्टम बनाना चाहिए किस तरह हम सिनियर सिटिजन की मदद कर सकते है। लेकिन रिसर्च करके कार्य योजना बनाकर इस पर ठोस कदम उठाना चाहिए।
इस दौरान विश्वविद्यालय  डायरेक्टर पीआर डॉ अजीत कुमार, डीन डॉ अनविती गु्प्ता, एनजीओ के सचिव देवदत्त शर्मा, सीईओ आरके महेश्ववरी समेत डीन और एचओडी मौजूद रहे।

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