गौतमबुद्धनगर।गौतमबुद्धविश्वविद्यालय मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : उच्च शिक्षण संस्थाओ मे इतिहास विषय के पाठ्यक्रम विषय में दो दिवशीय सेमीनार/ कार्यशाला का आयोजन विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली तथा गौतम बुध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के संयुक्त तत्वाधान में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय मे किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में डॉ. विवेक कुमार मिश्र, कार्यशाला के संयोजक तथा विभागाध्यक्ष हिन्दू अध्ययन केंद्र गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने अपने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला विषय की रूपरेखा प्रोफ. हिमांशु चतुर्वेदी सदस्य भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा रखी गयी। मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रोफ. राघुवेन्द्र तंवर जी ने अपने सम्बोधन मे कहा कि इतिहास विषय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में उच्च शिक्षा सस्थानों में पाठ्यक्रम को पुनः डिजाइन करना चाहिए, ताकि गतिशील समाज की आवश्यक्ताओं और आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके। विशिस्ट अतिथि माननीय के. एन. रघुनन्दन, राष्ट्रीय संगठन मंत्री विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों की महती भूमिका पर प्रकाश डाला । उनके अनुसार अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा दिनांक 22 जनवरी के बाद के भारत और पहले के भारत मे मूलचूक परिवर्तन हुआ है । गौतम बुद्ध विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफ. रवींद्र कुमार सिन्हा ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में पाठ्यक्रम को भारत केंद्रित मूल्यों पर होना चाहिए पर बल दिया। सत्र के अंत मे गौतम बुद्ध विश्व विध्यालय के कुल सचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया ।कार्यशाला मे देश के विभिन्न विश्वविध्यालयों से इतिहास विषय के विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभाग लिया, जिनमे श्री प्रफुल्ल केतकर, संपादक ऑर्गनाइजर, जवाहरलाल नेहरू विश्व विद्यालय से प्रोफ. हीरामन तिवारी, प्रोफ. संतोस शुक्ला, प्रोफ. प्रमिला राव, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से प्रोफ. प्रवेश कुमार श्रीवास्तव, प्रोफ. अरुणा सिन्हा, सिक्किम यूनिवर्सिटी से प्रोफ. वीनू पंत, हैदराबाद यूनिवर्सिटी से प्रोफ. रेखा पांडे, डेक्कन कॉलेज से प्रोफ. वी.के. सिंन्धे, प्रोफ. हिमांशु चतुर्वेदी, डीन दयाल उपाध्याय विश्व विद्यालय, गोरखपुर से मुख्य रहे। कार्यशाला के समापन सत्र मे मुख्य वक्ता भारतीय इतिहास संकलन के संगठन मंत्री डॉ बाल मुकुंद पांडे जी ने इतिहास विषय की शब्दावली का चयन सही करने एवं भारतीय ज्ञान परंपरा को उच्च शिक्षा संस्थानो के पाठ्य क्रमों में शामिल करने पर बाल दिया। अंत मे डॉ ओमजी उपाध्याय सदस्य सचिव भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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