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महर्षि महेश योगी की जयंती धूम-धाम से मनायी गई।


मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर ‌ 

गौतमबुद्धनगर।, :  शुक्रवार को महर्षि नगर वैदिक ज्ञान के प्रकाश और ऋषि महर्षियों द्वारा महर्षि महेश योगी की 107वीं जयंती बड़े धूम-धाम से मनाया गया। इस अवसर पर वैदिक गुरुपरंपरा के पूजन और एकादश वैदिक पंडितों के वैदिक स्वस्ति वाचन के बाद समारोह का आयोजन किया गया। के लाल मीडिया प्रभारी ने कहा महर्षि ने दुनिया के सामने भावातीत ध्यान सहित समस्त वेद विद्याओं को प्रकाशित करने के साथ सबसे बड़ी बात यही सिखाई कि अंधेरा प्रकाश आने से दूर होता है कि अंधेरे के हिसाब से कानून बनाने से। उन्होंने कहा इसके लिए हमें वही करना है जो स्रष्टि का निर्माण करते समय ब्रह्मा ने एकोहम बहुस्यामि के रूप में किया। आज जितने भी ध्यान शिक्षक हैं, वैदिक विश्व प्रशासक है, ध्याता हैं उन सबको महर्षि जी द्वारा प्रदत्त ज्ञान को फैलाना है और ऐसा कर ही सामूहिक चेतना को सतोगुणी बनाया जा सकेगा जो सुख, शांति और समृद्धि का आधार है।  इस स्वीकृति में स्वामी विवेकानन्द और महर्षि महेश योगी की विशेष भूमिका है जिनकी आज जयंती है। उन्होंने कहा कि भौतिकवाद से त्रस्त विश्व को हमारी योग पद्धति का महत्व समझ में गया है और वह दिन अब दूर नहीं जब भारत का जगद्गुरुत्व पुनर्प्रतिष्ठित होगा। इस मौके पर शिशिर श्रीवास्तव, राघवेन्द्रे यादव, विनोद श्रीवास्तव, अछूत त्रिपाठी, विनीत श्रीवास्तव, एस एस सोम, ललन पाठक, विनोद दीक्षित, श्रीकांत ओझा, रमेन्द्रे सचान, कमलेश यादव, और संतोष श्रीवास्तव, उपस्थित रहे।

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