एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘हरित और स्थायी रसायन विज्ञान की प्रवृत्तियां ’’ पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन ।




मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर ‌
गौतमबुद्धनगर।वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और छात्रों को हरित व स्थायी रसायन पर विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करने हेतु एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ क्लिक केमेस्ट्री रिसर्च एंड स्टडीज द्वारा ‘‘हरित और स्थायी रसायन विज्ञान की प्रवृत्तियां ’’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ द सिटी यूनिवर्सीटी ऑफ न्यूयार्क के मेडगर एवर कॉलेज के रयासन व पर्यावरण विभाग के प्रो मिशेल विट्टाडेलो, द सिटी यूनिवर्सीटी ऑफ न्यूयार्क के द सिटी कॉलेज के रयासन व बायोकेमेस्ट्री  विभाग के प्रो महेश लक्ष्मण, यूएसए के मैसाचुसेट्स के इंस्टीटयूट ऑफ एडवांसड सांइसेस के निदेशक प्रो बलराम सिंह, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी फांउडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलायंस के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डा नीरज शर्मा और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ क्लिक केमेस्ट्री रिसर्च एंड स्टडीज की निदेशक डा मोनालिसा मुखर्जी द्वारा किया गया।इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ द सिटी यूनिवर्सीटी ऑफ न्यूयार्क के मेडगर एवर कॉलेज के रयासन व पर्यावरण विभाग के प्रो मिशेल विट्टाडेलो ने कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय क्लिक केमेस्ट्री के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर रहा है और यह संगोष्ठी युवाओं लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी जो आपसी विचारों को साझा करने का माध्यम बनेगी। प्रो विट्टाडेलो ने फंक्शनल नैनोमैटेरियल्स, बायोमैटेरियल्स, नैनोटेक्नोलॉजी एंड मैटेरियलस केमेस्ट्री आदि के बारे में जानकारी दी।द सिटी यूनिवर्सीटी ऑफ न्यूयार्क के द सिटी कॉलेज के रयासन व बायोकेमेस्ट्री  विभाग के प्रो महेश लक्ष्मण ने कहा कि वर्तमान में हरित व स्थायी रसायन बेहद महत्वपूर्ण है ऐसे में एमिटी द्वारा आयोजित इस प्रकार के संगोष्ठी छात्रों के लिए लाभदायक होगें। हरित रसायन का उपयोग, खतरनाक प्रदार्थो के उत्पादन को कम करने मे मदद करता है जो पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालते है जिससे एक स्थायी पर्यावरण सुनिश्चित होता है। हरित रसायन के क्षेत्र में अनुसंधान से स्वच्छ और हरा भरा वातावरण तैयार होगा।एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने संबोधित करते हुए कहा कि छात्र देश का भविष्य है और विश्व को सभी के लिए एक बेहतर जगह बनाने की जिम्मेदारी उनपर है इसलिए छात्रों कों अनुसंधान के माध्यम से नई प्रौद्योगिकियों और नवाचारों का निर्माण करना चाहिए जिनका उपयोग राष्ट्र निर्माण के लिए किया जा सके। आज एक स्थायी व सुरक्षित पर्यावरण समय की मांग है और इस प्रकार की संगोष्ठी स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए और हानिकारक रसायनिक पदार्थो के उत्पादन को कम करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों के विकास करने में सहयोग देगी।

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ क्लिक केमेस्ट्री रिसर्च एंड स्टडीज की निदेशक डा मोनालिसा मुखर्जी ने कहा कि हम क्लिक केमेस्ट्री के क्षेत्र में अनुसंधान की दिशा में कार्य कर रहे है जो रयासन विज्ञान की महत्वपूर्ण शाखा है जो नए अणुओं और पदार्थाे के उत्पादन को सक्षम बनाती है।इस संगोष्ठी में यूएसए के मैसाचुसेट्स के इंस्टीटयूट ऑफ एडवांसड सांइसेस के निदेशक प्रो बल राम सिंह, द सिटी यूनिवर्सीटी ऑफ न्यूयार्क के द सिटी कॉलेज के रयासन व बायोकेमेस्ट्री विभाग की प्रो बारबरा ज़ाज्स, द सिटी यूनिवर्सीटी ऑफ न्यूयार्क के मेडगर एवर कॉलेज के रयासन व पर्यावरण विभाग की डा हर्षा राजपक्षे और दार्जिंलिंग के नार्थ बंगाल विश्वविद्यालय के प्रो भाष्कर विश्वास ने अपने विचार व्यक्त किये।

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