इंडिया इंटरनेशनल सांइस फेस्टीवल 2023 में एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने शोध व नवाचार का प्रदर्शन किया ।



मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
गौतमबुद्धनगर।एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने 17 से 20 जनवरी को  फरीदाबाद के टीएचएसटीआई कैंपस में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टीवल 2023 में अपने अग्रणी प्रौद्योगिकियों और नवाचारों का प्रदर्शन किया। विदित हो कि इस विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा किया गया। इस विज्ञान महोत्सव का उददेश्य युवा छात्रों के मध्य वैज्ञानिक सोच को पैदा करना और प्रसार करना है। इसका उददेश्य ‘‘ अमृत काल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सार्वजनिक आउटरीच’’ है।इस इंडिया इंटरनेशनल सांइस फेस्टीवल में एमिटी ने स्टॉल के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार, पेेटेंट फाइलिंग और प्रौद्योगिकी हंस्तातरण में अपने हालिया विकास को प्रदर्शित किया जिसमें एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और शोधार्थियो द्वारा विकसित किये गये 50 से अधिक तकनीको, उत्पादों और छात्रों के प्रोजेक्टों को प्रदर्शित किया गया। जिसमें गैस सेंसर, सीवर के मैनहोल में कार्य करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा हेतु विकसित किया गया सेंसर, सिल्वर नैनो आधारित पोर्टेबल वाटरप्यूरीफायर, मधुमेह के घाव भरने के लिए हाइड्रोजेल, एआई आधारित पुरूष प्रजनन क्षमता पूर्वानुमानक सॉफ्टवेयर, स्टार्टअप प्राजेक्ट दिव्य शक्ति, स्टूडेंट प्रोजेक्ट - मेडिसिन ड्रोन, दीवार पर चढ़ने वाला जासूस रोबोट आदि शामिल है। इस स्टॉल पर भारत भर से हजारो से अधिक आंगतुकों, वैज्ञानिकों और शोधार्थियों की उपस्थिति देखी गई और उन्होनें अनुसंधान पहलों और सहयोगों के संर्दभ में जानकारी हासिल की।विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वंतत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान महोत्सव सही समय पर हो रहा है जब भारत सफलता की कई कहानियां लिख रहा है जिसमें चंद्रयान, वैक्सीन निर्माण और अरोमा मिशन शामिल है। इसके अतिरिक्त सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी में वृद्धि, अनुसंधान - राष्ट्रीय अनुसंधान फांउडेशन की स्थापना, राष्ट्रीय क्वंाटम मिशन, राष्ट्रीय भू स्थानिक नीति और एनईपी 2020 का कार्यान्वयन सरकार द्वारा उठाये गये क्रांतिकारी कदम है।प्रतिष्ठित इंडिया इंटरनेशनल सांइस फेस्टीवल में एमिटी के प्रतिनिधित्व पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने कहा कि एमिटी के लिए यह बेहद गर्व की बात है जिसमे हमारे वैज्ञानिकों को 9वें इंडिया इंटरनेशनल सांइस फेस्टीवल में आंमत्रित किया गया है। एमिटी ने अनुंसधान व नवाचार पर ध्यान केन्द्रीत करते हुए न केवल भारत में बल्कि संपूर्ण विश्व में शैक्षणिक आयाम स्थापित किया है। एमिटी देश का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को तैयार कर रहा है और इस तरह देश के आर्थिक एवं वैज्ञानिक विकास में योगदान दे रहा है।आज इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टीवल 2023 के आशिमा चैटर्जी हॉल में आयोजित साइंस एंड टेक्नोलॉजी मीडिया कॉनकेल्व में एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने मुख्य भाषण देते हुए कहा कि वैज्ञानिक नीतियों, सुधारों और विकास को मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाने की जरूरत है ताकी सही जानकारी संप्रेषित हो सके व जागरूकता पैदा हो सके। मीडिया उपलब्धियों को प्रदर्शित करने, युवाओं को प्रेरित करने, समाजिक जरूरतों को उजागर करने, गलत धारणाओं को दूर करने, वैज्ञानिक निष्कर्षो और नए ज्ञान को व्यक्त करने, लोगों को सशक्त बनाने सहित प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार ने विज्ञान संचार के लिए कुछ पहल की है जिनमें विज्ञान भारती, भारत विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार वेब पोर्टल सहित राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद शामिल है। डा सेल्वामूर्ती ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में सोशल मीडिया, जनता के बीच सूचना के त्वरित प्रसार के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभरा है और स्पष्ट आह्वान है कि सोशल मीडिया संचार का विस्तार किया जाये। साइंस कम्यूनिकेशन थंडर फोर्स को समाज में लाया जाए।इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टीवल 2023 में युवा वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें एमिटी सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के निदेशक डा एम के दत्ता ने ‘‘ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डेटा, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स’’ संबोधित करते हुए कहा कि कई बार स्वास्थय समस्याओं का ठीक से निदान नही किया जाता है इसलिए मरीज रोग से मुक्त नही हो पाते, समय की ंमांग है कि एआई की मदद से नई तकनीकों का विकास किया जाए जो उचित उपचार में मदद कर सकें। रोग का निदान और उपचार एमिटी सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने बहुत सारे नवाचार विकसित किए है जो अत्यधिक प्रासंगिक है और समाज के लिए फायदेमंद है जिनमें हदय जिनमें हदय स्वास्थय निगरानी के प्रारंभिक चिकित्सा निदान के लिए बॉडी ऑरक्यूलेशन पर एआई आधारित कम लागत वाली डिवाइस, ट्रैब्यूलर हड्डी का वर्गीकरण शामिल है।
एस एंड टी काउसलिंग द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं के केस स्टडीज का प्रदर्शन करते हुए एमिटी फांउडेशन फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलांयस के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डा नीरज शर्मा ने कहा कि प्रौद्योगिकी की तत्परता समुदायों को महामारी, जलवायु संकट और आर्थिक व्यवधान जैसे वैश्विक समस्या का बेहतर जवाब देने में मदद कर सकती है। यह निर्णय लेने के लिए डेटा एनालिटिक्स, एआई संचालित भविष्य कहनेवाला मॉडलिंग, आपदा प्रबंधन के लिए ड्रोन, जीआईएस और रिमोट सेसिंग अनुप्रयोगों को लागू करने, टेलीमेडिसिन और आपतकालीन स्वास्थय देखभाल प्रणाली के उपयोग के माध्यम से सक्रिय कार्रवाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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