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त्रिदिवसीय 13 वें एमिटी इंटरनेशनल मॉडल यूनाईटेड नेशन्स ‘‘एएमआईएमयूएन 2024’’ का शुभारंभ ।




मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर ‌ 
गौतमबुद्धनगर।छात्रों के अदंर कूटनितिज्ञता, नेतृत्वता, वक्ता जैसे गुणों को विकसित करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘ कार्रवाई के माध्यम से शांति’’ विषय पर त्रिदिवसीय एमिटी इंटरनेशनल मॉडल यूनाईटेड नेशन्स ‘‘एएमआईएमयूएन 2024’’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ स्लोवेनिया दूतावास की राजदूत महामहिम सुश्री मतेजा वोडेब घोष, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, यूएसआई में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि श्री डेनियल जे, भारत में रशिया दूतावास के क्लचरल एटैचे श्री मिखाइल एंटसिफ़ेरोव, एमिटी विश्वविद्यालय के चंासलर डा अतुल चौहान और एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला द्वारा किया गया। इस एमिटी इंटरनेशनल मॉडल यूनाईटेड नेशन के 10 सत्रों में देश के 22 राज्यों और 15 देशों से 1000 से अधिक प्रतिनिधी ऑनलाइन और ऑफलाइन हिस्सा ले रहे है।कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए स्लोवेनिया दूतावास की राजदूत महामहिम सुश्री मतेजा वोडेब घोष ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मुख्यत आपसी विश्वास पर आधारित होता है जिसमें अंर्तराष्ट्रीय कानूनों का आदर, महिलाओं की सहभागीता आदि है। अंर्तराष्ट्रीय शांती व सुरक्षा को बनाये रखने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्लोवेनिया जलवायु परविर्तन, दुनिया भर में विश्वास और शांति का निर्माण, खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा, और महिला सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रीत कर रहा है। अंत में अस्थिर विश्व में विभिन्न दृष्टिकोणों और मानिसकताओं को एकीकृत विश्व में शांति और सुरक्षा प्राप्त करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, ने संबोधित करते हुए कहा कि अपने पूरे विकास के दौरान एमिटी इंटरनेशनल मॉडल यूनाईटेड नेशन्स एक गतिशील मंच के रूप में विकसित हुआ है जो देश के अंदर विभिन्न राष्ट्रीयताओं और क्षेत्रों के सबसे प्रतिभाशाली और युवा मस्तिष्कों को एक साथ लाता है। एमिटी इंटरनेशनल मॉडल यूनाईटेड नेशन्स, मूल्यों और संस्कारों सहित अंतर संास्कृतिक बारीकियों की समझ पर केन्द्रीत है।यूएसआई में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि श्री डेनियल जे ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय मूल्यों में शांती मुख्य मूल्य है। विश्व में शांती की स्थापना के लिए प्रारंभ आपके से होगा। संयुक्त राष्ट्र में शांति स्थापना, सांख्यिकी और सरकार स्वंय से शुरू होती है और सही कारण है 1.8 अरब आबादी वाले भारत ने शासन व कूटनीति के बीच संतुलन बनाये रखा। यूएसआई वर्ष 1870 मे स्थापित दूसरा सबसे पुराना रक्षा थिंक टैंक है। हम सैन्य विरासत, रणनीतिक सुरक्षा, भू राजनीति, सैन्य सिद्धांत और सेना के अधिकारियों के कौशल विकास से जुड़े है। उन्होनें कहा कि हमें अपने सैनिकों के प्रति अत्यधिक कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने की आवश्यकता है जिन्होंने 12 शांति स्थापना गतिविधियों में भाग लेकर जीवन का बलिदान दिया है। हमनें वैश्विक शांति के लिए 177 लोगों की जान गंवाई है।भारत में रशिया दूतावास के क्लचरल एटैचे श्री मिखाइल एंटसिफ़ेरोव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति और सुरक्षा, सतत विकास जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थय देखभाल, मानवाधिकार, विश्व विरासत आदि के महत्वपूर्ण मुद्दों के संतुलित समाधान खोजने के लिए अद्वितीय प्रतिनिधि मंच है। यह रूस और भारत के लिए एक प्राथमिकता मंच है जो अन्य समान विचारधारा वाले देशों के साथ अंर्तराष्ट्रीय मामलों में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता के अलावा एमिटी विश्वविशलय छात्रों के समग्र व्यक्तित्व विकास पर दृढ़ता से ध्यान केन्द्रीत करता है। एमिटी इंटरनेशनल मॉडल यूनाईटेड नेशन्स के माध्यम से हम छात्रों को समग्र रूप से पोषित करते है और उन्हे देश व विश्व से संबंधित मुद्दो पर भविष्य के विश्वव्यापी अग्रणी के रूप में विश्लेषणात्मक रूप से विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।एमिटी इंटरनेशनल मॉडल यूनाईटेड नेशन्स में अतिथियों द्वारा कार्यक्रम आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया। इस अवसर पर एमिटी इंटरनेशनल मॉडल यूनाईटेड नेशन्स के चेयरपरसन डा अनिल सेहरावत और सेक्रेटरी जनरल सुश्री गौरी सरीन ने अपने विचार रखे।

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