श्रीविष्णु महायज्ञ और श्रीराम कथा का चौथा दिन ।





मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
नोएडा: श्रीविष्णु महायज्ञ के पावन अवसर पर रामलीला मैदान, महर्षि आश्रम, महर्षि नगर, सेक्टर-110, नोएडा में चल रहे श्रीराम कथा के चौथे दिन परम पूज्य दिव्यज्ञानी सद्गुरूनाथ जी महाराज ने अपने कथा के दौरान कहा कि राम नाम की महिमा अनंत है। यदि कोई भक्त भगवान के रूप का स्मरण न करके हृदय में केवल उनके नाम का स्मरण करता है तो नाम के पीछे-पीछे स्वयं प्रभु उसके हृदय में आ विराजते हैं। भगवान का नाम निर्गुण ब्रह्म और सगुण ब्रह्म राम से भी बड़ा है। यह भेद जानने के बाद शिवजी ने सौ करोड़ राम चरित्रों में इस राम नाम को ही सार रूप में ग्रहण किया है। मनुष्य यदि अपने भीतर और बाहर उजियारा चाहे तो इस नाम रूपी दीप को जीभ रूपी देहरी पर रखना चाहिए। 
भव सागर चह पार जो पावा। राम कथा ता कहँ दृढ़ नावा।।बिषइन्ह कहँ पुनि हरि गुन ग्रामा। श्रवन सुखद अरु मन अभिरामा।।जो लोग इस संसार रूपी भवसागर से पार पाना चाहते हैं, उसके लिए तो श्रीरामजी की कथा दृढ़ नौका के समान है। बस एक बार आप भगवान के नाम पर विश्वास करके बैठ जाइये। भगवान श्रीराम आपका खुद ही बेड़ा  पार कर देंगे, श्री हरि के गुणसमूह तो विषयी लोगों के लिए भी कानों को सुख देने वाले और मन को आनंद देने वाले हैं।  गुरूदेव ने कहाकि जब भी भक्त को प्रभु से प्रेम हो जाता है, तो प्रभु को अपने भक्त के लिए अवतार लेना ही पड़ता है। संसार में हर व्यक्ति कुछ न कुछ लेने ही आया है। वह किसी को कुछ देता भी है तो कुछ पाने की लालसा में। लोग सम्मान भी सहज रूप से नहीं देते। सम्मान भी देते है अगर तो किसी से उसी प्रकार का सम्मान वापस पाने के लिए। जो भक्त श्रीराम से जुड़ा है वह विचारशील तो होता ही है। साथ ही संसार के कल्याण के बारे में भी सोचने लगता है।  
संसार में सब कुछ संभव है, किसी वस्तु का अभाव नहीं है। अभाव है तो हमारे आपके भाव में, क्योंकि भगवान तो भाव के वश में होते हैं। रामकथा से हमें संस्कारों की शिक्षा मिलती है। कथा का सीधा प्रसारण आस्था, आस्था प्राईम-1, आस्था फेसबुक एवं आस्था यूटूयूब चौनल पर अगले 18 दिसम्बर तक किया जाएगा। देश और विदेश के भक्तजन टीवी और इंटरनेट द्वारा कथा का आनंद ले सकते हैं।इस अवसर पर महर्षि महेश योगी संस्थान के अध्यक्ष और महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नालोजी के कुलाधिपति श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव, संस्थान के उपाध्यक्ष श्री राहुल भारद्वाज, श्री अलोक श्रीवास्तव, युवराज, महर्षि महेश योगी संसथान, श्री अरुण मिश्रा, निदेशक, महर्षि सोलर, माननीय श्री नवाब सिंह नागर, पूर्व मंत्री, उत्तर प्रदेश, श्रीविष्णु महायज्ञ और श्रीराम कथा कार्यक्रम के संयोजक रामेन्द्र सचान, गिरीश अग्निहोत्री, तथा महर्षि संस्थान प्रबंध समिति के अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ