गौतमबुद्धनगर।बायोटेक्नोलॉजी साइंस की वह ब्रांच है जिसमें बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी के आश्चर्यजनक मेल से रॉ मेटीरियल्स को आश्चर्यजनक इनोवेशन्स, डिस्कवरीज और प्रोडक्ट्स में बदला जाता है.भारत विश्व के टॉप 12 बायोटेक डेस्टिनेशन्स में से एक है और एशिया पेसिफिक में इसका तीसरा रैंक है.।इस फील्ड के तहत सभी संभावित फ़ील्ड्स जैसेकि, फार्मास्यूटिकल, फ़ूड मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एजुकेशन और रिसर्च से संबद्ध कार्य शामिल हो गये हैं. उक्त फ़ील्ड्स के अलावा भी अन्य कई फ़ील्ड्स में बायोटेक्नोलॉजी के योगदान को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता है. चाहे वह बायोफ़र्टिलाइज़र्स, बायोपेस्टीसाइड्स, ग्रीन रेवोलुशन या आईटी की फ़ील्ड में रेवोलुशन लाने वाली बायोइन्फॉर्मेटिक्स से संबंधित मुद्दे हों, बायोटेक्नोलॉजी भारत के युवा वर्ग के लिए रोज़गार के ढेरों अवसर मुहैया करवा रही है.बायोटेक्नोलॉजी पढ़ने वाले छात्रों के निम्न क्षेत्रों में करियर के अभूतपूर्व विकास के लिए काफी संभावनाएं हैं। मेडिकल राइटिंग्स, कॉलेज और विश्वविद्यालय, फार्मास्युटिकल कंपनियां, आईटी कंपनियां, हेल्थ केयर सेंटर्स, एग्रीकल्चर सेक्टर, एनिमल हसबेंड्री, जेनेटिक इंजीनियरिंग, रिसर्च लैबोरेट्रीज व फ़ूड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री।इन्हीं सब बातों से अवगत कराने के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल एन टी पी सी विद्युत नगर में गत 9 नवम्बर , 2023 को बायोटेक्नोलॉजी कार्य शाला कक्षा दसवीं से बारहवीं तक के जीव विज्ञान के छात्र छात्राओं के विषय सम्वर्द्धन हेतु "एडूडएप " के सहयोग से आयोजित हुई ।कार्य शाला में छात्रगण पूर्ण तत्परता व रूचि पूर्वक प्रयोगो में तल्लीन दिखाई दिए। "एडूडएप " के ट्रेनर श्री अलमज़ ज़ाकी का कहना था कि बच्चों में सीखने की बहुत ज्यादा लगन है।मौके पर बोलते हुए एडडूएप के डायरेक्टर श्री ध्रुव सैनी ने विद्यालय के साथ अपने लम्बे संपर्क को ताज़ा करते हुए कहा कि डीपीएस बच्चों के सर्वांगीण विकास में सदैव तत्पर रहता है। इस तरह की कार्यशाला आज के समय में अत्यंत आवश्यक होती जाएगी।प्रधानाचार्या पूनम दुआ ने जीव विज्ञान विभाग की पहल की सराहना करते हुए कहा कि छात्र जो विषय व्यवहारिक अनुभव से सीखते हैं उसे अधिक समय तक याद रख पाते हैं। इस तरह के कार्यशाला विद्यालय समय समय पर करवाता रहता है जिससे छात्र लाभान्वित होते रहे।एक दिन के इस कार्यशाला का समापन प्रमानपत्र वितरण से हुआ।कार्य शाला को जीव विज्ञान विभाग की प्रमुख श्रीमती रत्ना सामंता ने संयोजित किया।
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