गौतमबुद्धनगर।एमिटी विश्वविद्यालय की शिक्षण व अनुसंधान गुणवत्ता से प्रभावित होकर आज भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान परिषद (बाइरैक) और आईआईटी कानपुर के प्रतिनिधिमंडल ने दौरा किया। इस प्रतिनिधिमंडल में जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान परिषद (बाइरैक) की मैनेजर (इनवेस्टमेंट) डा प्राची कौशिक, आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर की बायोटेक वर्टिकल सुश्री आंचल वर्मा और मनोदयम प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ श्री संजय भारद्वाज शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ हेल्थ एंड एलाइड साइंसेस के डीन डा बी सी दास और एमिटी फांउडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलांयस के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डा नीरज शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर जैव उद्यमियों का पोषण - व्यावसायीकरण का विचार पर परिचर्चा की गई।जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान परिषद (बाइरैक) की मैनेजर (इनवेस्टमेंट) डा प्राची कौशिक ने ‘‘बायोटेक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के पोषण में बाइरैक की पहल’’ पर संबोधित करते हुए कहा कि बाइरैक को राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक उत्पाद बनाने की दिशा में रणनीतिक अनुसंधान और इनोवेशन के लिए इंटरफेस एंजेसी के रूप में स्न 2012 में स्थापित किया गया है। बाइरैक, उच्च जोखिम वाले नवाचारों के लिए स्टार्टअप, उद्यमियों, मध्यम और बड़े पैमाने की कंपनियों का समर्थन करता है ताकि जरूरतों को पूरा करने के लिए किफायती उत्पाद विकसित किए जा सकें। उन्होनें कहा कि हम प्रयोगशाला से बाजार तक सहयोग प्रदान करते है जिसमें आईडिया की उपज, अवधारणा का पूल, प्रारंभिक स्तर का विकास, बृहद स्तर पर विकास और बाजार में सहयोग देते है। डा कौशिक ने बताया कि कि नासा के प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर के आधार पर बाइरैक ने विभिन्न विषयगत क्षेत्रों के लिए प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर पैमाने में स्तरों की विस्तृत परिभाषा निर्धारित की है जिसके तहत प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते है। यह निर्धारण, नवप्रवर्तकों, मूल्यांकनकर्ताओं और निवेशकों को विकास के तहत प्रौद्योगिकी के चरण को अधिक निष्पक्षता से पहचानने के लिए मार्गदर्शन करेगा। उन्होनें प्रमोटिंग एकेडमिक रिसर्च कनवरसेशन टू एंटरप्राइज योजना सहित बाइरैक की उपलब्धियों की जानकारी दी।
आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर की बायोटेक वर्टिकल सुश्री आंचल वर्मा ने बायोटेक्नोलॉजी इग्नीशन ग्रंाट (बीआईजी) के बारे में जानकारी देते हुए बीआईजी, बाइरैक का एक प्रमुख कार्यक्रम है जो युवा स्टार्टअप्स और उद्यमीयों को ईंधन और सहायता का सही मिश्रण प्रदान करता है। यह भारत में सबसे बड़ा प्रारंभिक बायोटेक फंडिग प्रोग्राम है। बीआईजी, एग्रीटेक, मेडिकल उपकरण, ड्रग एंड बायोफार्मा, पशु चिकित्सा विज्ञान आदि बायोतकनीकी क्षेत्रों को सहयोग करता है।मनोदयम प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ श्री संजय भारद्वाज ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में विश्व में प्रतिमान विस्थापन हुआ है और बायोइर्न्फोमेटिक्स, बायोतकनीकी का विकास हुआ और अब एआई जैसे उन्नत तकनीकों का उपयोग हो रहा है। उन्होनें अपनी उद्यमिता की यात्रा और डिजिटल हेल्थ स्टार्टअप की विस्तृत जानकारी प्रदान की।एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि बाइरैक ने पिछले एक दशक में बेहतरीन कार्य किया है और एमिटी भी छात्रों को सदैव अनुसंधान, नवाचार और अपना उद्यम प्रारंभ करने के लिए प्रेरित करता है। प्रधानमंत्रीजी ने आने वाले 25 वर्षो में देश को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है और आने वाले कठिन 10 वर्ष में हमें मिलकर आपसी सहयोग से चुनौतियों का निवारण करना होगा। छात्रों को रचनात्मक बनाने की आवश्यकता है। हम बाइरैक के साथ मिलकर कार्य करने के इच्छुक है।एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ हेल्थ एंड एलाइड साइंसेस के डीन डा बी सी दास ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज वैश्विक स्तर पर नवाचारों और अनुसंधानों की प्रगति हो रही है ऐसे में आपसी सहयोग समय की मांग है।इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चंासलर डा बलविंदर शुक्ला से मुलाकात की और आपसी सहयोग की संभावनाओ पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने एमिटी इनोवेशन इंक्यूबेटर का दौरा भी किया। इस अवसर पर एमिटी फांउडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलांयस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा ए के सिंह और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की कार्यकारी प्रमुख डा वी पूजा भी उपस्थित थी।
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