ग्रेटर नोएडा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शुक्रवार को विधिक शिविर एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन दादरी के कटहेरा रोड़ स्थित सिटी हार्ट एकेडमी स्कूल में किया गया। शिविर में अपर जिला जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव श्रीमती ऋचा उपाध्याय बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहीं। इस दौरान छात्र-छात्राओं के द्वारा लिंग समानता एवं पशु क्रूरता जैसे गंभीर विषयों पर अपने विचार रखें। वहीं ऋचा उपाध्याय के द्वारा छात्रों में जागरूकता लाने के उददेश्य से पशु क्रूरता एवं लिंग समानता से संबंधित कानूनों की विस्तार से जानकारी दी गई। इसी के साथ उनके द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण के जागरूकता कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने वाले छात्रों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव एवं एडीजे ऋचा उपाध्याय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह का जीवन मनुष्यों में होता है उसी तरह का जीवन पशुओं में भी है। यदि हम अपने पुरातनकालीन समय पर जाएं तो मनुष्य और पशु एक साथ थे। लेकिन मनुष्य अपनी बुद्धी के उपयोग से आज खुद को अत्यधिक विकसित कर चुका है। वहीं पशु आज भी उसी श्रेणी में हैं। लेकिन इस पृथ्वी की सरंचना में पशुओं का भी उतना ही योगदान है जितना की एक मनुष्य का है। अगर पृथ्वी पर जीवन के लिए मनुष्य की आवश्यकता है तो उतनी ही आवश्यकता पशुओं की भी है। इस लिए हमें ना तो पशुओं पर क्रूरता दिखानी चाहीए और ना ही पशुओं पर क्रूरता होते देखना सहन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसी को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कानून पशु क्रूरता को लेकर बनाए गए हैं। जिनमें पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पशु क्रूरता करने वाले को दो साल तक की सजा और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
वहीं इस अवसर पर जय हो सामाजिक संस्था के संयोजक कपिल शर्मा एडवोकेट ने छात्रों को लिंग समानता विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि आज भारत लैंगिक समानता के मामले में विश्व के 146 देशों में 127 वें पाएदान पर है। वार्षिक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट 2023 के अनुसार भारत की स्थिती में पिछले साल की तुलना में 8 स्थान का सुधार हुआ है। लेकिन फिर भी स्थिती संतोषजन नहीं है। क्योंकि इस मामले में आज हमारे देश भारत से नेपाल, श्रीलंका, बांगलादेश और चीन जैसे देश कहीं ऊपर हैं। इस लिए हमें लैंगिक समानता को और अधिक महत्व देने की आवश्यकता है। कपिल शर्मा एडवोकेट ने कहा कि हमारे देश की एक कडवी सच्चाई यह भी है कि यहां महिला ही महिला की सबसे बड़ी दुश्मन हैं। जब किसी घर में कोई बेटी जन्म लेती है तो सबसे पहले उस घर की महिलाएं ही दुख मनाती हैं। जब बेटी ससुराल में जाती है तो वहां लिंग के आधार पर उसका शोषण करने वाली उसकी सास और नन्द भी महिलाएं ही होती हैं। जबकि कानून के आनुसार महिला और पुरूष के लिए आज कोई अंतर नहीं है। जिसे हमारी महिलाओं को समझना होगा। इस अवसर पर सिटी हार्ट एकेडमी के डायरेक्टर संदीप भाटी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त किया और भरोसा दिलाया कि वो इन सभी कानूनों के प्रति स्कूल के छात्र छात्राओं के साथ साथ अध्यापकों के मध्यम भी इस प्रकार के विधिक जागरूकता शिविर चलाएंगे। इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य रूची भाटी एवं समाजसेवी मनोज गोयल भी मौजूद रहे।
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