गौतमबुद्धनगर ।लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने 18 नवंबर 2023 को 'उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और उत्कृष्टता की खोज पर वेबिनार मोड में नैक जागरूकता कार्यशाला' का आयोजन किया। सत्र सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक वेबिनार मोड में आयोजित किया गया था। वेबिनार में योगदान देने वाले शिक्षा जगत के दिग्गज प्रोफेसर ए.डी.एन. बाजपेयी (कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर) थे ।प्रो. जय प्रकाश सैनी (कुलपति, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर), प्रो. सतीश वर्मा (उपाध्यक्ष, आईईए, पूर्व आर.बी.आई. चेयर प्रोफेसर, सी.आर.आर.आई.डी, चंडीगढ़) ), डॉ. अर्चना दस्सी (प्रोफेसर, सामाजिक कार्य विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया), डॉ. अजय अग्रवाल (प्रबंध निदेशक और मुख्य सलाहकार - एन.ए.ए.सी, अग्रवाल एजुकेशनल सॉल्यूशंस), और लता वेंकिटाचलम, सलाहकार - पूर्व छात्र संबंध, अग्रवाल एजुकेशनल उपस्थित रहे।
सत्र की शुरुआत लॉयड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की मुख्य रणनीति अधिकारी और विकास प्रमुख डॉ. वंदना अरोड़ा सेठी के स्वागत भाषण से हुई। डॉ. सेठी ने उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए मान्यता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने उन संभावित चुनौतियों और सीखने के बिंदुओं पर भी सभी का ध्यान आकर्षित किया जिनका सामना पहली बार एन.ए.ए.सी. के लिए जाने पर संस्थानों को करना पड़ता है। पहला खंड प्रोफेसर ए.डी.एन.बाजपेयी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान में नवाचारों के महत्वपूर्ण पहलू पर अपना अनुभव और दृष्टिकोण साझा किया। प्रो. बाजपेयी ने विभिन्न हितधारकों द्वारा ज्ञान की समावेशिता और पहुंच के महत्व पर प्रकाश डाला।
दूसरे खंड में डॉ. अजय अग्रवाल ने गुणवत्ता ऑडिट के लिए एन.ए.ए.सी के विभिन्न मानदंडों पर विस्तृत चर्चा की और अंकों की गणना में तकनीकी बारीकियों को समझाया। तीसरा खंड प्रो. अर्चना दस्सी का था, जिन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय स्तर पर एन.ए.ए.सी. के सदस्य के रूप में अपना बहुमूल्य अनुभव साझा किया। उन्होंने संस्थानो की प्रत्येक गतिविधियों और क्रिया कलापों का रिकॉर्ड रखने के महत्व पर जोर दिया। चौथा खंड सुश्री लता वेंकिटाचलन द्वारा था, जिन्होंने शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पूर्व छात्रों के संबंधों का लाभ उठाने में अंतर्दृष्टि साझा की थी। पांचवां खंड एन.ए.ए.सी. कोर वैल्यूज़ पर केंद्रित था, जिसे लॉयड की निदेशक डॉ. शिवानी कपूर ने उनकी ओर से प्रस्तुत करने के साथ कार्यशाला का समापन धन्यवाद प्रस्ताव के साथ किया।
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