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शारदा विश्वविद्यालय में कंप्यूटिंग, संचार, बुद्धिमान प्रणाली पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन ।


मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
गौतमबुद्धनगर।ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने कंप्यूटिंग, संचार, बुद्धिमान प्रणाली पर चौथी आईईईई इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभ आरंभ यूनिवर्सिटी के चांसलर पीके गुप्ता, प्रो वाइस चांसलर परमानंद, डायरेक्टर पीआर डॉ अजीत कुमार ने मुख्य अतिथि डॉ आईएम लोया, एक्सल ग्रुप के इनोवेशन टेक्नोलॉजी के चीफ, विशेष अतिथि एडिशनल कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर, सुरेश राव ए कुलकर्णी, डीआरडीओ के साइंटिस्ट डॉ गुरजीत सिंह वालिया,बोइंग इंडिया की सिनियर प्रेंसिपल ऑर्टिटेक्ट  कुमुद बजाज दुबे, एनएसयूटी के डायरेक्टर डॉ नरेंद्र कुमार ने दीप जलाकर किया।कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि अतिथि डॉ आईएम लोया, एस्सेल ग्रुप के इनोवेशन टेक्नोलॉजी के चीफ ने कहा कि कम्पयूटिंग और इंटेलिजेंस सिस्टम में अंतर बताया किस तरह दोनों काम करते है। तकनीक इतनी एडवांस हो गई आपको इसका यूज कैसे करें ये समझना चाहिए।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कुछ सालों में इतना ज्यादा ग्रोथ किया है कि मानव जीवन उसपर निर्भर हो गया। बस एक क्लिक से आप दुनिया किसी भी चीज के बारे में जान सकते हैं।एडिशनल कमिश्नर सुरेश राव ए कुलकर्णी ने कहा कि हम सब जानते ही तकनीक ने जिस तरह ग्रोथ किया है इससे बहुत सारे चैलेंज का सामना करना पड़ रहा।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सोसायटी, आग्रेनाइजेशन, पुलिसिंग और लॉ एंड ऑर्डर में जिस तरह मदद कर रही है वहीं परेशानी भी हो रही है। अलग-अलग तरह साइबर क्राइम हो रहे है आपको ये देखना होगा तकनीक का सही इस्तेमाल किस तरह किया जाए। इसको ध्यान में रखते हुए जिले में 4 साइबर क्राइम थाने खोले गए है। जो सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नजर रखी जा रही है। हम पुलिसकर्मियो को ट्रेंड कर रहे है जिससे वो सही तरीके से तकनीक को इस्तेमाल कर लोगों सही जानकारी दे।  चांसलर पीके गुप्ता ने कहा कि आज में क्या देख रहे आज का युग तकनीक का युग है। कोई देश इसका सही इस्तेमाल करेगा वो तरक्की करेगा। शारदा यूनिवर्सिटी की फैकल्टी और स्टूडेंट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इनोवेशन पर जोर दे रही कि किस तरह इसका उपयोग करके विकासशील देश को विकसित देश कैसे बनाया जाए। साथ ही इस बात की भी जरूरत है कि नई तकनीकों को ढूंढकर विभिन्न क्षेत्रों में शामिल किया जाए, फिर भले ही वे ‘दुधारी तलवार’ ही क्यूं ना हों। शारदा ग्रुप दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी में शामिल होने का कार्य कर रही है।

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