गौतमबुद्धनगर।एमिटी विश्वविद्यालय में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल की प्रतिष्ठित इंस्टीटयूशन इनोवेशन कांउसिल की क्षेत्रीय बैठक का आयोजन ई टू ब्लाक सभागार में किया गया। इस इंस्टीटयूशन इनोवेशन कांउसिल की क्षेत्रीय बैठक का शुभारंभ अखिल भारतीय तकनीक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो टी जी सीताराम, एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद के एमडी डा जितेंद्र कुमार, अखिल भारतीय तकनीक शिक्षा परिषद की सलाहकार डा ममता रानी, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के सहायक नवाचार निदेशक श्री दिपेन साहू द्वारा किया गया।अखिल भारतीय तकनीक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो टी जी सीताराम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत 2047 तक विश्व का सबसे विकसित देश होगा। इस अमृत काल के दौरान, हमें उच्च शिक्षा को अगले स्तर तक ले जाना होगा और विभिन्न परिवर्तनकारी सुधारों पर काम करना होगा। नई शिक्षा नीति 2020 में उत्कृष्ट विचार शामिल है जिन्हें अगले 25 वर्षो में लागू किया जा सकता है जिससे भारत विश्व में ज्ञान की राजधानी बन जायेगा। प्रो सीताराम ने कहा कि हमने इस क्षेत्रीय बैठक में देखा है कि कैसे युवाओं को अगली पीढ़ी के उद्यमियों के रूप में तैयार किया जा सकता है। अमृतकाल के दृष्टिकेाण में मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करना शामिल है जो अधिक से अधिक लोगों तक पंहुचेगा और इसलिए हमने क्षेत्रीय भाषाओं में कई किताबे प्रकाशित की है और हमने परिक्षाओं में भी सुधार किये है। हमने शिक्षा में कौशल को एकीकृत करने के लिए भी एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है। भारत का मिशन न केवल आत्मनिर्भर बनना है बल्कि विश्व दाता भी बनाना है। हमने महामारी के दौरान देखा की कैसे भारत ने 100 से अधिक देशों को टीके प्रदान किये और उनकी मदद की।एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि नवाचार एमिटी के डीएनए में है जो पेटेंट दाखिल करने और बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में एमिटी द्वारा अर्जित उपलब्धियों से स्पष्ट होता है। भारत के पास सर्वश्रेष्ठ रचनात्मक और नवोन्मेषी मस्तिष्क है और इसमें विश्व की वैज्ञानिक और आर्थिक महाशक्ति बनने की क्षमता है। देश का भविष्य युवाओं के कंधों पर है इसलिए समय की मांग है कि युवाओं को अपने स्वंय के स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित किया जाए और एमिटी द्वारा उन्हे प्रदान किए गए अवसरों का अधिकतम उपयोग करना चाहिए।अखिल भारतीय तकनीक शिक्षा परिषद की सलाहकार डा ममता रानी ने कहा कि उत्कृष्टता केवल नवाचार के माध्यम से हासिल की जा सकती है जो तीनों क्षेत्रों - शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया, शिक्षा उद्योग संबंध और सहयोग पर आधारित है। आज भारत में 111 यूनिकॉर्न है जो इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम बनाता है और विभिन्न नीतिगत पहलों, क्षमता निर्माण, वित्तीय सहायता के माध्यम से, भारत अगले कुछ वर्षो में विश्व का सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन जायेगा।जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद के एमडी डा जितेंद्र कुमार ने कहा कि उद्यम निर्माण के संस्थागत तंत्र की आवश्यकता है जो देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने से ही संभव हो सकता है। एमिटी ने नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है कि हम देश में नवाचार और उद्यमशीलता को कैसे बढ़ाव दे सकते है जिससे स्टार्टअप के विकास को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक तंत्र तैयार किया जा सके।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि यह आईआईसी की क्षेत्रीय बैठक शिक्षा मंत्रालय की महान पहल है जो उभरते उद्यमियों के लिए नेटवर्क बनाने और प्रत्येक के साथ सहयोग करने के लिए एक बृहद मंच के रूप में काम करेगी। इससे नये उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का विकास होगा और देश का स्टार्टअप इको सिस्टम मजबूत होगा।
इस अवसर पर एमिटी ऑनलाइन के उपाध्यक्ष श्री अभय चौहान, एमिटी कैपिटल वेंचरस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमोल चौहान, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, आइआईसी - एमिटी यूनिवर्सिटी कंनवेनर डा सुजाता पांडेय सहित एमिटी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।विदित हो कि इस क्षेत्रिय बैठक, संस्थानों को अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों और पारिस्थितिकी तंत्र समर्थकों जैसे इंक्यूबेटर, एंजेल निवेशक, वेंचर कैपिटलिस्ट, ज्ञान एजेंसियों, राष्ट्र संसाधन एजंेंसियों सहित राज्य व केन्द सरकार की एंजेसिंयों के साथ अंतर संस्थागत साझेदारी को मजबूत करने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान कर रहा है। इस बैठक में 300 इंस्टीटयूशन इनोवेशन कांउसिल संस्थानों, 100 अटल टिंकरिंग लैब स्कूलों, 50 गैर आईआईसी संस्थानो, 20 से अधिक क्षेत्रीय पारिस्थितिकी तंत्र समर्थकों और 100 से अधिक इनोवेटर्स, स्टार्टअप विशेषज्ञ, सलाहकार, नीति निर्माताओ आदि से लगभग 800 से 1000 प्रतिभागी शामिल हुए है।इस अवसर पर इनोवेशन/स्टार्टअप प्रदर्शित स्टॉल लगाये गये है जिसमें छात्रों, शोधार्थियों और उद्यमियों द्वारा उत्पादों व शोधों का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम कें अंर्तगत गोल मेज परिचर्चा सत्र ‘‘इंडोवेशन’’ का आयोजन किया गया जिसमें इंक्सी के निदेशक श्री नेट श्रीनांथ नुडूरपति, इंडिया एस्सीलेटर के इंडो यूरों सिंक्रानाइजेशन के एडवाइजर बोर्ड सदस्य श्री राजीव गुलाटी, वेंचर गुरूकूल की सहसंस्थापक सुश्री नताशा बेरी, एकसोच फांउडेशन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अजय सुमन शुक्ला, यूथएक्सकनेक्ट के संस्थापक श्री रिषभ जैन आदि लोगों ने अपने विचार रखे। इसके अतिरिक्त ज्ञान साझा सत्र, वन टू वन मॉनिटरिंग कम पिच सेशन का आयोजन भी किया गया।
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