मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर।पूरे वैज्ञानिक समुदाय में शवों का उपयोग कई अलग-अलग पहलुओं में किया जाता है। शवों के उपयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उन्होंने विज्ञान को मानव शरीर की शारीरिक रचना से संबंधित विशाल मात्रा में जानकारी प्रदान की है। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा के एनाटॉमी विभाग ने 03.010.2023 को एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को शव शपथ दिलाई। शव को किसी भी मेडिकल छात्र का पहला शिक्षक माना जाता है। कैडवेरिक शपथ एक प्रतिज्ञा है जो एक मेडिकल छात्र विच्छेदन हॉल में शव को छूने से पहले लेता है; शपथ में शव के साथ उचित व्यवहार करने, आत्मा को श्रद्धांजलि देने और युवा चिकित्सकों के मन में सहानुभूति के विचार को स्थापित करने पर जोर दिया गया है। इस शपथ लेने के बाद दान की गई मानव शवों पर विच्छेदन (व्यावहारिक कक्षाएं) शुरू होती हैं। किसी भी एमबीबीएस छात्र के लिए अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत में इस समारोह का हिस्सा बनना गर्व और विशेषाधिकार का क्षण है। समारोह का आयोजन निदेशक, डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता की गरिमामय उपस्थिति में किया गया, जिसमें शरीर रचना विज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ. रंजना वर्मा, वरिष्ठ संकाय सदस्य, डॉ. पी.एस. मित्तल, डॉ. सी.डी. शामिल थे। त्रिपाठी, डॉ. भारती भंडारी राठौड़, डॉ. मनीषा सिंह, डॉ. अमित शर्मा, डॉ. इजेन भट्टाचार्य और एनाटॉमी विभाग के सभी संकाय और कर्मचारी। शपथ निदेशक, जीआईएमएस द्वारा दिलाई गई, जिसके बाद शवों को पुष्पांजलि अर्पित की गई। .
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