गौतमबुद्धनगर।श्री रामलीला कमेटी साइट 4 ग्रेटर नोएडा में आज की लीला मंचन गणेश वंदना से प्रारम्भ हुई।अध्यक्ष मनजीत सिंह ने बताया आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडिशनल कमिसनर बबलू कुमार अजित दोला राकेश भाटी कार्यक्रम के प्रायोजक हरवीर मावी विजेन्द्र भाटी पवन मिश्रा शिवकुमार गुप्ता नरेंद्र यादव जितेंद्र चौहान आदि ने दीप प्रज्जलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की ।कोषाध्यक्ष मनोज गर्ग ने बताया श्री राम सीता को खोजते खोजते शबरी के आश्रम में पहुँचते हैं वहाँ शबरी श्री राम को मीठे बेर खिलाती हैं और शबरी उन्हें पम्पापुर का रास्ता बताती हैं और सुग्रीव से मित्रता के लिये कहती हैं तब श्री राम लक्ष्मण किश्कन्धा पर्वत पर पहुँचते हैं वहाँ हनुमान जी से उनका परिचय होता हैं हनुमान जी उन्हें सुग्रीव के पास ले जाते हैं सुग्रीव अपनी व्यथा श्री राम को सुनाते हैं । और बाली के बारे में बताते है मायावी बाली सुग्रीव से लड़ने आता है ।श्री राम बाली का वध करते हैं ।महासचिव बिजेंद्र आर्य ने बताया वर्षा ऋतु के पश्चात सभी वानर सेना सीता जी की खोज करते करते समुद्र तट पर पहुँचते है और हनुमान जी को उनके बल की याद दिलाते हैं हनुमान जी समुद्र लांघ कर लंका में पहुँचते है सीता माता से मुलाकात कर उनसे आज्ञा लेकर उद्यान में फल खाने जाते हैं वहाँ रावण का पुत्र अक्षय कुमार उनसे लड़ने आता है और हनुमान के हाथों मारा जाता है।संयुक्त महासचिव सौरभ बंसल ने बताया मेघनाथ हनुमान जी को ब्रह्म फांस में बांधकर हनुमान जी को रावण के समक्ष ले जाते हैं हनुमान जी रावण को बहुत समझाते हैं रावण हनुमान जी की पूँछ में आग लगवा देता है हनुमान जी पूरी लंका को ही जला देते हैं लंका दहन और आरती के साथ रामलीला मंचन समापन होता है ।मीडिया प्रभारी विनोद कसाना ने बताया 23 अक्टूबर को लीला मन्चन में विभीषण आगमन , सेतू बन्धन , अंगद रावण संवाद , लक्ष्मण शक्ति , कुंभकरन वध , आदि लीलाओ का मंचन होगा ।इस अवसर पर अध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह बिजेन्द्र सिंह आर्य मनोज गर्ग सौरभ बंसल विनोद कसाना ओमप्रकाश अग्रवाल कुलदीप शर्मा मुकेश शर्मा , हरेन्द्र भाटी के के शर्मा मुकुल गोयल श्यामवीर भाटी अमित गोयल अतुल जिन्दल विकास भाटी कमल सिंह आर्य मनोज यादव गजेंद्र चौधरी सुभाष चन्देल अनिल कसाना सुनील प्रधान अरुण गुप्ता सुरेंद्र तायल विकास आर्य प्रमोद भाटी रिंकू आर्य राहुल नम्बरदार दीपक भाटी प्रभाकर देशमुख आदि सदस्य उपस्थित रहे।
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