गौतमबुद्धनगर ।एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के वैज्ञानिकों ने नई दिल्ली के दिल्ली कैंट के मॉनेकशॉ सेंटर में आयोजित त्रिदिवसीय भारतीय अंतरिक्ष कॉन्क्ेल्व 2023 में हिस्सा लिया है और स्टॉल के माध्यम से अपने शोध व नवाचार का प्रदर्शन किया। इस त्रिदिवसीय प्रदर्शनी में एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई तकनीकी जैसे प्रोजेक्ट दिव्य दृष्टि, इंटेलिजेंट सैटेलाइट इमेज एनालिसिस सिस्टम, इंटेलिजेंट ऑटोनॉमस अनमैनड ग्राउंड व्हीकल, कॉगनेटिव स्पेस क्राफ्ट हेल्थ मॉनिटरिंग, डार्क वेसल डिटेक्शन यूजिंग एसएआर इमेज एनालिसिस, लो कॉस्ट ड्रोन डिटेक्शन एंड ट्रैकिंग सिस्टम, सहित छात्रों के प्रोजेक्ट हाइपर सोनिक फ्लाइट प्रोजेक्ट, प्लैनेट लैंडर प्रोजेक्ट और हयुमन स्पेस फ्लाइट प्रोजेक्ट को दर्शाया गया जिसमेंच बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों, अधिकारियों और छात्रों ने स्टॉल का भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की। विदित हो कि इस त्रिदिवसीय अंतरिक्ष कॉन्क्लेव का आयोजन भारतीय अंतरिक्ष संघ द्वारा किया गया है।एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि वर्तमान समय अंतरिक्ष में अपने प्रभाव को बढाने के लिए हर देश द्वारा कार्य किया जा रहा है और इसमें अकादमिक सहयोग आवश्यक है। एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में काफी कार्य किया जा रहा है जिसके अंर्तगत कुछ विकसित की गई को भारतीय अंतरिक्ष कॉन्क्ेल्व 2023 प्रदर्शित किया गया है। एमिटी में इनोवेशन इकोसिस्टम छात्रों के लिए मजबूत शोध क्षमता को सीखने और बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त माहौल तैयार किया जाता है। हम युवाओं को शिक्षित कर, शोध के लिए प्रोत्साहित कर और अपना उद्यम प्रारंभ करके देश के आत्मनिर्भर भारत और सशक्त भारत की पहल में योगदान भी दे रहे है। भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा एमिटी विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया है और एमिटी विश्वविद्यालय को पेटेंट और व्यावसायीकरण के लिए शीर्ष भारतीय शैक्षणिक संस्थान के रूप में मान्यता दी है।इस कॉन्क्ेलव में एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ स्पेस सांइस एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा एम प्रसाद और एसोसिएट प्रोफेसर डा शिवानी वर्मा भी उपस्थित थी।
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