एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘फैशन, परिधान और टेक्सटाइल 2023’’ पर अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ।



मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
गौतमबुद्धनगर।छात्रों को फैशन, परिधान व वस्त्रों के क्षेत्र में हो रही नवीनतम प्रगति की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी द्वारा ‘‘फैशन, परिधान और टेक्सटाइल 2023’’ पर एकदिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन एफ ब्लाक सभागार, एमिटी विश्वविद्यालय कैंपस में किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ यूएसए के टूकाटेक लॉस एंजेलेस के चेयरमैन एंड संस्थापक श्री राम सरीन, कोलंबो फैशन कांउसिल के संस्थापक अध्यक्ष श्री प्रसन्ना पथमनाथन, अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर के महानिदेशक एवं सीईओ श्री विजय माथुर, प्रख्यात फैशन डिजाइनर सुश्री प्रतिमा पांडेय, टेक्सटाइल सेक्टर स्किल कांउसिल की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डा स्वप्ना मिश्रा, एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्टस की चेयरपरसन श्रीमती दिव्या चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और ग्रुप  एडिशनल प्रो वाइस चंासलर डा प्रदीप जोशी ने किया।सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूएसए के टूकाटेक लॉस एंजेलेस के चेयरमैन एंड संस्थापक श्री राम सरीन ने कहा कि परिवर्तन निरंतर है और विकास वैकल्पिक है। आज भारत मेे अन्य देशों के मुकाबले अधिक अवसर उपलब्ध है और यही आपके विकास में सहायक है। सूचना प्रौद्योगिकी की पृष्ठभूमि आज की युवा पीढ़ी के कार्य को तकनीक से जोड़ रही है। परिधानों का भविष्य, डिजिटल डिजाइन, ई कार्मस और मांग उत्पादन से जुड़ा है। भारत के आप जैस युवा जो तकनीकी मेें विश्वास रखते है उनके लिए फैशन, परिधान और टेक्सटाइल उद्योग के क्षेत्रों में चुनौतियों का निराकरण करते हुए विकास करने के अवसरों की भरमार है।कोलंबो फैशन कांउसिल के संस्थापक अध्यक्ष श्री प्रसन्ना पथमनाथन ने फैशन एवं वस्त्र के क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों को बताते हुए कहा कि वर्तमान में लोग घर आधारित परिधान को अपनाते है जिसमें लोग स्वंय के आराम पर ध्यान केन्द्रीत करते है और लोगों को अपने स्थान एवं स्वंय की देखभाल करने के लिए सशक्त बनाते है। उन्होनें कहा कि अधिक स्वास्थय के प्रति जागरूक उपभोक्ता के साथ प्रतिध्वनित होने के क्रम में कल्याण निरंतर बढ़ता जा रहा है। व्यक्ति ऐसे वस्त्रों को प्राथमिकमता दे रहे है जो किटाणु रहित व सुरक्षित हो। आने वाले समय में वृ़द्व उपभोक्ताओं की सक्रिय जीवनशैली उनके अनुसार वस्त्रों के निर्माण को प्राथमिकता देगी। उन्होनें कहा कि चुनौतियां सदैव अपने साथ अवसरों को लेकर आती है।अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर के महानिदेशक एवं सीईओ श्री विजय माथुर ने कहा कि कार्य और जीवन के मध्य संतुलन बनाना आवश्यक है इसलिए सैदव कैरियर और ध्येय के साथ परिवार, अध्यात्म, आनंद के मध्य संतुलन बनाये, व्यवसाय के समाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक पहलू को संतुलित करके के परिणाम प्राप्त करें। उन्होनें छात्रो से कहा कि पर्यावरण प्रभाव से संबधित ग्राहकों की मांग को बदलना और उत्पादन पोर्टफोलियों और वाणिज्यिक पोर्टफोलियो में प्रतिबिंबित करना आज के डिजाइनरों से अपेक्षित है। आपको विचार करना होगा कि आप सुरक्षित ग्रह के लिए निर्माण करेंगें या धन संपदा कमाने के लिए।प्रख्यात फैशन डिजाइनर सुश्री प्रतिमा पांडेय ने कहा कि डिजाइनर होने के नाते आपको लोगों की समस्याओं के निवारण हेतु कार्य करना चाहिए। आधुनिक तकनीको के उपयोग को आत्मसात करे और स्थायी निर्माण को प्रमुखता दे।टेक्सटाइल सेक्टर स्किल कांउसिल की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डा स्वप्ना मिश्रा ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षण के अंदर उद्योगों की मांग के अनुसार मानव संसाधन के निर्माण में कमी, छात्रों में प्रयोगिक जानकारी का आभाव, व्यवसायिक क्षेत्र में स्वीकार्यता का आभाव, अकादमिक उपाधि या मान्यता की कमी और उद्योगेां में शोध, नवाचार के लिए समयाभाव सहित कर्मचारियों के प्रशिक्षण आदि चुनौतियां है। मुख्य चुनौतियों को रेखांकित करते हुए शिक्षण की गुणवत्ता, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, पाठयक्रम का विकास, संरचना एव संसाधनों की कर्मी, रोजगार एंव प्लेसमेंट आदि के बारे में बताया। डा मिश्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क ने इस रिक्त स्थान को भरने के लिए पहल की है। इस अवसर पर उन्होनें टेक्सटाइल सेक्टर स्किल कांउसिल द्वारा संचालित कार्यो की जानकारी भी प्रदान की।एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्टस की चेयरपरसन श्रीमती दिव्या चौहान ने अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि फैशन एवं परिधान के क्षेत्र में हो रही प्रगति एवं आधुनिक तकनीकों जैसे एआई, मशील लर्निंग आदि का डिजाइन एव व्यवसाय विकास में उपयोग की जानकारी छात्रों को प्रदान करने के लिए इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। किसी भी क्षेत्र के विकास हेतु अकादमिक और उद्योगों की आपसी जुड़ाव आवश्यक है इसी क्रम में छात्रों के विकास हेतु हम उद्योगांे की अपेक्षाओं के अनुरूप कुशल मानव संसाधन तैयार करते है।एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने स्वागत करते हुए कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी के सहयोग से फैशन व परिधान क्षेत्र नित नई उंचाईयों को हासिल कर रहा है ऐसे में छात्रों को कोरपोरट क्षेत्र का हिस्सा बनने या स्वंय का उद्यम प्रारंभ करने के लिए प्रेरित करने हेतु हम विशेषज्ञों से छात्रों को रूबरू होने का अवसर प्रदान करते है। आज भारत, विश्व भर में अपनी डिजाइन एवं कला वस्त्र के लिए जाना जा रहा है इसलिए छात्रो ंको उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए।ग्रुप एडिशनल प्रो वाइस चंासलर डा प्रदीप जोशी ने जानकारी देते हुए कहा कि इस सम्मेलन देश के विभिन्न संस्थानो जैसे एनआईएफअी जोधपूर, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, डीएवी गर्ल कॉलेज, लेडी श्रीराम कॉलेज दिल्ली, विद्या फैशन अकादमी बैगलोर आदि से शोधार्थी हिस्सा ले रहे है जो अपने पेपर प्रस्तुत करेगें। इस अवसर पर विभिन्न विषय जैसे ‘‘रियूज रिडयूस और रिसाइकलिंग इन फैशन एंव टेक्सटाइल’’, ससटेनेबल फैशन और इर्मजिंग रोल ऑफ डिजिटल टेक्नोलॉजीस एंड एआई इन फैशन एंड टेक्सटाइल’’ पर तीन तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर डा एस एम इश्तियाक आर डा वी के कोठारी और एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की डा स्मिता बगाई भी उपस्थित थी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ