गौतमबुद्धनगर।वैदिक पंचांग के अनुसार आचार्य कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 06 सितंबर दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और 07 सितंबर दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं इस दिन रोहिणी नक्षत्र 06 सितंबर सुबह 09 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा जो 7 सितंबर सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। ऐसे में निशिता काल में भगवान श्री कृष्ण की उपासना की वजह से स्मार्त (गृहस्थी) सम्प्रदाय जन्माष्टमी पर्व 06 सितंबर 2023, बुधवार के दिन धूमधाम से मनाया जाएगा।लेकिन आपको बता दें कि वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायी अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र को प्राथमिकता देते हैं। वह सप्तमी तिथि पर जन्माष्टमी नहीं मनाते। जिस वजह वैष्णव सम्प्रदाय द्वारा 07 अगस्त 2023, गुरुवार के दिन जनमाष्टमी पर्व मनाया जाएगा।कैसे करें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा।धरती को कंस के अत्याचार से मुक्त कराने के लिए द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने मां देवकी के गर्भ से जन्म लिया था।जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल का पंचामृत से अभिषेक कर विशेष श्रृंगार किया जाता है. उनका प्रिय माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है. श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने से संतान सुख मिलता है.और सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है।
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