गौतमबुद्धनगर।एमिटी विश्वविद्यालय के शिक्षण व शोध गुणवत्ता से प्रभावित होकर आपसी संभवानाओं के अवसरों पर विचार करने के लिए आज ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने एमिटी विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस प्रतिनिधिमंडल में ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और एक्टिग प्रोवोस्ट प्रो शैरॉन पिकरिंग के नेतृत्व में मोनाश विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर (अंर्तराष्ट्रीय) प्रो क्रेग जेफरी और मोनाश विश्वविद्यालय की प्रो वाइस चांसलर (छात्र अनुभव) प्रो साराह मैकडॉनल्ड शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के चांसलर डा असीम चौहान और एमिटी गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह द्वारा किया गया।ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और एक्टिग प्रोवोस्ट प्रो शैरॉन पिकरिंग ने संबोधित करते हुए कहा कि मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया का एकमात्र विश्वविद्यालय है जो सबसे अधिक शोध व छात्र केन्द्रीत है, हमारा उददेश्य छात्रों का सर्वागीण विकास है। प्रो पिंकरिंग ने कहा कि मोनाश और एमिटी विश्वविद्यालय कई क्षेत्रो ंमें एक जैसे मूल्यों का अनुसरण करते है जिसमें छात्रों का विकास, वैश्विक अनवारण के अवसर, उच्च स्तर शिक्षण प्रदान आदि शामिल है। हम साइकोलॉजी, प्रबंधन, इंजिनियरिंग, जनसंचार आदि क्षेत्रों में संयुक्त पाठयक्रम, संयुक्त उपाधि कार्यक्रम, संयुक्त पीएचडी सहित संयुक्त सम्मेलन आदि पर विचार कर रहे है। प्रो पिंकरिंग ने कहा कि वर्तमान समय में अंर्तराष्ट्रीय शिक्षा सहयोग में व्यापक बदलाव आ रहा है ऐसे में आपसी सहयोग से छात्रो को नये अवसर प्रदान करना आवश्यक है।एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के चांसलर डा असीम चौहान ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी छात्रों के सर्वागीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वर्तमान समय में छात्रों का ना केवल शोध व नवाचार के लिए प्रेरित करते है बल्कि उन्हें वैश्विक अनवारण प्रदान करते है जिससे वे वैश्विक संस्कृतियों, व्यापार, सहित सभी क्षेत्रों को समझें। डा चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 ने विश्व स्तर के संस्थानों व विश्वविद्यालयों को आपसी सहयोग के अवसर प्रदान किये है जिसके लाभ से छात्रों को सांस्कृतिक, सामाजिक और व्यवसायिक रूप से विकसित होने के साथ कौशलयुक्त और प्रतियोगी बनाया जा रहा है इसलिए एमिटी द्वारा विश्वस्तरीय मोनाश विश्वविद्यालय के साथ आपसी सहयोग की संभवानाओ ंपर विचार किया जा रहा है।मोनाश विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर (अंर्तराष्ट्रीय) प्रो क्रेग जेफरी ने कहा कि इस आपसी सहयोग का दोनों संस्थानो को प्राप्त होगा क्योकी मोनाश व एमिटी विश्वविद्यालय, शोध व नवाचार पर ध्यान केन्द्रीत करते है। दोनो संस्थान वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है इसलिए छात्रो ंको एक दूसरे संस्थान में आवागमन एंव शिक्षण की सुविधा रहेगी। प्रो जेफरी ने कहा कि आज एमिटी की ख्याती वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है और आपस में मिलकर कार्य करने पर विचार कर रहे है।एमिटी ग्रूप् वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने कहा कि पिछले तीन सालों में एमिटी से ऑस्ट्रेलिया जाने वाले छात्रों की संख्या सबसे अधिक है और न्यू कोलंबो प्लान के तहत से बड़ी संख्या में ऑस्टेलिया से छात्र आते है। एमिटी और ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के मध्य कई शोध सबंध विकसित है और ऑस्ट्रेलियाई राजदूत, तीन बार एमिटी के अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन इनबुश में हिस्सा ले चुके है। डा सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति, ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय विश्वविद्यालयों को नये अवसर प्रदान कर रही है जिसके तहत हम संयुक्त, टिविनिंग और डयूल डिग्री कार्यक्रम की पेशकश कर सकते है। ऑस्ट्रेलियाई छात्रो को इंडिया इर्मशन प्रोग्राम के तहत इंर्टनशिप की पेशकश कर सकते है। इस चर्चा के अंर्तगत हम जनसंचार व मनोविज्ञान पर अभिव्यक्ति समझौता सहित संयुक्त पीएचडी व शोध पहल, कैंपस इन कैंपस या संयुक्त कैंपस, संयुक्त डयूल मास्टर डिग्री, एसीसीरिलेट मास्टर प्रोग्राम, संयुक्त सम्मेलन सहित कई अन्य क्षेत्र जैसे जलवायु परिवर्तन, हरित प्रबंधन आदि पर लघु अवधि कार्यक्रम पर कार्य करने पर विचार कर रहे है।प्रतिनिधिमंडल ने एमिटी विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय, एमिटी स्कूल ऑफ कम्यूनिकेशन स्टूडियों और एच ब्लाक का दौरा भी किया। इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल, आईएडी के डीडीजी रियर एडमिरल आलोक भटनागर, एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा एम के पांडेय भी उपस्थित थे।
0 टिप्पणियाँ