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श्रीराधा अष्टमी व्रत पूजा मुहूर्त


मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 

गौतमबुद्धनगर।जाने श्रीराधा अष्टमी व्रत पूजा मुहूर्त :- सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को तिथि को भगवान श्री कृष्ण की प्रिय राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के की 15 दिन बाद उनकी प्रिया श्री राधा रानी का जन्म हुआ था इसीलिए इस दिन राधा अष्टमी मनाई जाती है. राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने से श्री राधे कृष्ण प्रसन्न होते हैं और मन चाहे फल की प्राप्ति होती है।श्री कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक पंद्रह दिन बाद भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष अष्टमी को श्री राधा अष्टमी मनाई जाती है. इस साल श्री राधा 23 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी, जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 11:01 बजे से शुरू होकर 01:26 तक रहेगा. इस अवसर विधि विधान से श्री राधा रानी की पूजा करने से भगवान श्री कृष्ण भी प्रसन्न होंगे, जिससे घर में सुख समृद्धि का आगमन होगा और मनचाहे फल की प्राप्ति होती है।आचार्य कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि सनातन धर्म में राधा के बिना भगवान श्री कृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है इसीलिए जो भक्त श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं वह भक्त श्री राधा अष्टमी का व्रत भी जरूर करते हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि श्री राधा कृष्ण की विधि विधान से पूजा करने और श्री कृष्ण जन्माष्टमी और राधा अष्टमी पर व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. और घर परिवार में सुख समृद्धि का आगमन होता है।उन्होंने बताया कि पंचांग के अनुसार के भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को 22 सितम्बर 2023 को दोपहर 01:35 बजे से प्रारंभ होगी और अगले दिन 23 सितंबर 2023 को दोपहर 12:17 बजे समाप्त होगी. 23 सितंबर 2023 को श्री राधा अष्टमी मनाई जाएगी, श्री राधा जी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:01 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 1:26 बजे तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में विधि विधान से पूजा पाठ करने से श्री राधे कृष्णा प्रसन्न होंगे, और मनचाहे फल की प्राप्ति होगी.
श्री राधा अष्टमी के अवसर पर व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को इन चार बातों का ध्यान रखना चाहिए.1: प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके साफ कपड़े धारण करने चाहिए.2: श्री राधे कृष्ण को पंचामृत से स्नान करने के बाद सुंदर-सुंदर वस्त्र पहनकर श्रृंगार करना चाहिए.3: एक साफ स्थान पर पीले या लाल कपड़ा बिछाकर तांबे के पत्र में श्री राधा जी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए.4: श्री राधे कृष्ण को फल पुष्प श्रद्धा भाव से अर्पित करने चाहिए इसके उपरांत श्री राधे कृष्ण की आरती का पाठ करना चाहिए आसपास के सभी लोगों में प्रसाद बांटे।

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