ग्रेटर नोएडा। राष्ट्रचिंतना की छठी मासिक गोष्ठी रविवार दिनांक 17 सितम्बर 2023 को फादर एग्नेल स्कूल, बीटा 2, ग्रेटर नोएडा में संपन्न हुई | बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रचिंतना के अध्यक्ष एवं कुमायूं व गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफ बलवंत सिंह राजपूत ने की तथा अनिल चौधरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनसंख्या समाधान फाउंडेशन ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त किये |
गोष्ठी की प्रस्तावना में प्रोफ विवेक कुमार ने बताया कि भारत में असंतुलित जनसँख्या विस्फोट के कारण गरीबी, कुपोषण, खाद्य सुरक्षा, प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक दबाव तथा अन्य अव्यवस्थाएं तो हैं हीं उससे कंही अधिक चिंताजनक है कि देश के विभिन्न भागों में गृह युद्ध के हालत बन रहे हैं | जहाँ जहाँ देश के मूल निवासियों की जनसँख्या का अनुपात कम हो रहा है, विधर्मी लोग हमले कर रहे हैं |
अनिल चौधरी ने बताया वर्तमान समय में विश्व की जनसंख्या जो करीब 800 करोड़ से ऊपर है तथा भारतवर्ष जो 142 करोड़ के आसपास जनसंख्या हो गई है | 18 प्रतिशत विश्व की जनसंख्या का हिस्सा हमारा है और जब के संसाधन सिर्फ ढाई प्रतिशत है। भारत 1952 में विश्व में पहली बार परिवार नियोजन की योजना लाने के बाबजूद भी आज आबादी में पहले नंबर पर है | परिवार नियोजन कार्यक्रम के बावजूद कोई ज्यादा असर जनसंख्या नियंत्रण पर नहीं हो पाया और जिस हिसाब से अनियंत्रित जनसंख्या बढ़ेगी तो उसके हिसाब से गृह युद्ध की भी संभावना रहेगी। अनिल चौधरी जी ने कालाहांडी, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि जगहों की विषमताओं के बारे में भी विस्तार से चर्चा की, उन्होंने बताया कि चेन्नई में भूजल की विकट समस्या है। नई पीढ़ी संतान उत्पत्ति से विमुख हो रहे हैं ।इससे भारत के समक्ष खतरनाक समस्या है ।देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था तब भी हमारे देश में एक धर्म विशेष की जनसंख्या वृद्धि दर आज भी 15% है जो पहले 8% थी । यह विश्लेषण का विषय है । वर्गीय विभाजन की संभावना भी हो सकती है । 1400 वर्ष पूर्व जिनके पांच गांव नहीं थे आज उनके 57 देश है, 712 ईस्वी में 14 खलीफाओं के विफल रहने के पश्चात भी राजा दाहिर पर आक्रमण हुआ और उनकी सूर्या और परमाल देवी नाम की दो पुत्रियां बगदाद के खलीफा को सौंप दी गई । अगर प्रतिकार नहीं किया तो सोमनाथ का मंदिर भी लूटा गया और टूटा भी ।1025 ईस्वी में 5000 घुड़सवार आए 1947 में जिन प्रतीकों को हम आसानी से सकते थे , तुष्टिकरण की नीति के कारण बहुत से प्रतीक आज तक गुलामी के प्रतीक हम लादे घूम रहे हैं | इन्हीं कारण से लोकसभा विधानसभा ही नहीं ग्राम प्रधान चुनाव भी जनसंख्या अनियंत्रण द्वारा प्रभावित होते रहेंगे । 29 अक्टूबर को एक लाख व्यक्ति हस्ताक्षर करके गाजीपुर से प्रधान सेवक निवास तक जाएंगे | जनसंख्या के नियंत्रण की यह खाई बढ़ती रही तो समस्याएं बढ़ेंगे ही । हम भ्रम में हो सकते हैं, वह कभी भी भ्रम में नहीं है ।चीन ने चार दशक में 50 करोड़ जनसंख्या को जन्म लेने से रोका आज वह अमेरिका को आंख से आंख डालकर देख सकता है । जनसंख्या की अनियंत्रित गति रोकने वालों को 20 से 25 आयु वर्ष के युवाओं को प्रोत्साहन मिले, माता बहनों को जन जागरण में प्रतिभा सुनिश्चित हो जिसमें महिलाओं का योगदान अधिक हो | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के पूर्व छात्र संगठन के अध्यक्ष आनंद प्रकाश जी ने कहा कि संस्थाओं के सदस्यों के भी प्रतिभाग सुनिश्चित हो कानून का पालन हो और अपने कर्तव्य को पूर्णता पालन किया जाए ।
राष्ट्रचिंतना के अध्यक्ष एवं कुमायूं व गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफ बलवंत सिंह राजपूत ने कहा कि 20वीं सदी के मध्य में, दुनिया ने जनसंख्या वृद्धि में तेजी से बढ़ोतरी देखी, जिसे "जनसंख्या विस्फोट" के रूप में जाना जाता है। वर्ष 2022 के आँकड़ों के अनुसार दुनिया की आधी से अधिक आबादी एशिया में रहती है, चीन और भारत 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के साथ दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं। विश्व की जनसंख्या वर्ष 2030 में लगभग 850 करोड़ और वर्ष 2050 में 970 करोड़ तक पहुँच सकती है। प्रोफेसर बीएस राजपूत ने कहा कि जनसंख्या असंतुलन मुख्य बिंदु है, महाभारत काल में मानव क्षति हुई तथा विश्व युद्ध के बाद भी मानव क्षति हुई; उसके बाद जनसंख्या विस्तार पर ध्यान दिया गया | लेकिन अब मानव संसाधन, बहुत बड़ा संसाधन है | काफी शिक्षित पूर्व प्रधानमंत्री ने तुष्टीकरण पर जोर दिया और यह कहा कि एक वर्ग विशेष का संसाधनों पर ज्यादा अधिकार है | राजपूत जी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण, और 370 धारा हटाना आज की सरकार की प्रमुख उपलब्धियां में एक है। जनसंख्या नियंत्रण कानून संभव है तो अभी है आज स्थितियां अनुकूल हैं। विधर्मियों की पढ़ी-लिखी संख्या को भी समझना कठिन है । रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को बसाया जा रहा है, बंगाल की मुख्यमंत्री इन्हीं मतों के बल पर मुख्यमंत्री हैं | राजपूत जी ने कहा कि दो संतान के पश्चात अगर कोई संतान होती है तो दंड का प्रावधान रहे, 1 साल की सजा हो, चौथी संतान होने पर 7 साल की सजा हो | आगे आजीवन कारावास का प्रावधान हो या उसकी नागरिकता ही समाप्त कर दी जाए।
गोष्ठी का संचालन एमिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के हेड तथा राष्ट्रचिंतना के संगठन सचिव प्रोफ विवेक कुमार ने किया |
प्रोफ विवेक कुमार ने बताया कि राष्ट्रचिंतना के तत्वावधान में समसामयिक ज्वलंत विषयों पर चिंतन-मनन हेतु राष्ट्रवादी विचारों के प्रबुद्ध नागरिकों की प्रत्येक माह के तीसरे रविवार को एक विचार गोष्ठी आयोजित की जाती है | अगली राष्ट्रचिंतना गोष्ठी का विषय है - सनातन धर्म और राजनीति | प्रज्ञा आईएएस अकाडेमी की निदेशिका डॉ आरती शर्मा ने फादर एग्नेल स्कूल के फादर बिन्टो, मुख्य वक्ता श्री अनिल चौधरी, प्रोफ बलवंत सिंह राजपूत तथा सभी उपस्थित प्रबुद्ध जनों को धन्यवाद ज्ञापित किया |
गोष्ठी में राष्ट्रचिंतना के उपाध्यक्ष नरेश कुमार गुप्ता, राजेंद्र सोनी एवं डॉ आरती शर्मा, संयुक्त सचिव, आनंद प्रकाश, सह व्यवस्था प्रमुख उमेश पांडे, गुड्डी तोमर, संयोजक अशोक राघव, मीडिया प्रमुख डॉ नीरज कौशिक, आर श्री निवासन, राजेश बिहारी, संगीता वर्मा , अरविन्द कुमार साहू, अजय पाल सिंह, दीवान सिंह, रवेन्द्र पाल सिंह, राजेश बिहारी, गौरव रावल, चंचल, हर्षित चेची, प्रियांशु सिंह, उमेश गौतम, डॉ अजय शंकर, डॉ अम्बिका प्रसाद पांडेय, प्रो अरविन्द सिन्हा, श्रीमती रश्मि, विजेंद्र सिंह, जूली शर्मा, कैप्टेन शशि भूषण, अनिल कुमार शर्मा आदि गणमान्य प्रबुद्ध जन उपस्थित थे |
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