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दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।



मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
गौतमबुद्धनगर।राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आईएमएस)ए ग्रेटर नोएडा के मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयू) ने 25 और 26 सितंबर 2023 को ड्रॉपलेट डिजिटल पीसीआर (डीडीपीसीआर) रोग निदान और निगरानी के लिए आणविक उपकरण पर 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। ड्रॉपलेट डिजिटल पीसीआर एक उन्नत आणविक उपकरण है जिसका उपयोग विभिन्न बीमारियों के निदान और नैदानिक प्रबंधन के लिए किया जा सकता है। यह तकनीक उच्च सटीकता के साथ कम समय में परिणाम प्रदान कर सकती है और निदान की समग्र लागत को कम कर देगी। प्रतिनिधियों को डीडीपीसीआर में प्रतिक्रिया स्थापित करने के लिए आवश्यक विभिन्न घटकोंए उपकरणोंए अभिकर्मकों और उपभोग्य सामग्रियों से परिचित कराया गया था। विभिन्न सत्रों में इस उपकरण के नैदानिक अनुप्रयोग को प्रख्यात अतिथि वक्ताओं द्वारा ऑन्कोलॉजीए रोगाणुरोधी प्रतिरोध और माइक्रोबियल सेप्सिस के क्षेत्रों में प्रदर्शित किया गया था। कार्यशाला का उदघाटन दिनांक 25 सितंबर 2023 को  संस्थान के निदेशक डॉ0 ब्रिगेडियर  राकेश गुप्ता, डॉ अनुराग श्रीवास्तव, (आयोजन अध्यक्ष), डॉ सौरभ श्रीवास्तव (सीएमएस और नोडल अधिकारी, एमआरयू), डॉ मनीषा सिंह (सह-अध्यक्ष), डॉ वरुण गोयल (आयोजन सचिव), डॉ देवेश शर्मा (आयोजन सचिव) डॉ ए के साहनी, प्रोफेसर और हेड माइक्रोबायोलॉजी, डॉ शिवानी कल्हन, प्रोफेसर और हेड पैथोलॉजी और डॉ अनीता कुमारी, प्रोफेसर और हेड पीडियाट्रिक के साथ किया। कार्यशाला में 30 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के संकाय और निवासी शामिल थे। जीआईएमएस के निदेशक डॉ0 ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता और डॉ अनुराग श्रीवास्तव, आयोजन अध्यक्ष ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और इस कार्यशाला के महत्व और दायरे के बारे में विस्तार से बताया। दो प्रशिक्षक डॉ प्रशांत और डॉ समीर ने मशीन पर काम करने के महत्वपूर्ण चरणों के बारे में भी चर्चा की। डॉ मनीषा सिंह, डॉ ए के साहनी और डॉ अनीता ने रोगी देखभाल और अनुसंधान उद्देश्यों में इस तकनीक के उपयोग का विचार दिया है। इस कार्यशाला के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल द्वारा छह क्रेडिट घंटे प्रदान किए गए थे।

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