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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय मे पशुओं के संरक्षण हेतु कार्यशाला ।



मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
गौतमबुद्धनगर।पशु पक्षी प्रकृति के वरदान है जिनको सुरक्षित एवं संरक्षित किया जाना मनुष्य का संवैधानिक एवं विधिक दायित्व हैं। पशुओं के संरक्षण के संदर्भ में भारतीय विधिक एवं न्यायिक व्यवस्था मे विधायिका एवं न्यायपालिका ने अप्रतिम  योगदान दिया है । जहां एक तरफ विधायिका ने समय-समय पर विभिन्न विधियों की सुस्थापना की है वहीं पर न्यायपालिका ने सरल एवं सहज न्यायिक निर्वचन के माध्यम से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है।वर्तमान कार्यपालिका का दायित्व है कि पशुओं के संदर्भ में होने वाली क्रूरता के प्रति कठोरतम एवं त्वरित कार्यवाही समय की आवश्यकता है। उक्त बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सह अतिरिक्त जिला न्यायधीश श्रीमती रिचा उपाध्याय ने लीगल एड क्लीनिक गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित  पशु क्रूरता एवं संरक्षण संबंधी आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में व्यक्त किया ।उक्त अवसर पर संकायाध्यक्ष डॉ कृष्ण कांत द्विवेदी ने अतिथियों का स्वागत किया। विभागाध्यक्षा डॉ रमा शर्मा के द्वारा मुख्य अतिथि को बैच अलंकरण करते हुए स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संयोजन निशुल्क विधिक सहायता केंद्र के संयोजक डा संतोष कुमार तिवारी द्वारा किया गया । छात्र आशय सुंदरम द्वारा लीगल एड क्लीनिक द्वारा किए गए विविधि कार्यक्रमो का विवरण प्रस्तुतीकरण  के माध्यम से किया गया। छात्रा कृतिका एवम् अन्य छात्रों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।  कार्यक्रम में डा ममता शर्मा, डा सतीश चंद्रा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में छात्र आयुष, शिवांश निष्ठा, सुजाता, जया, तान्या झलक आदि सैकड़ों छात्र छात्रा उपस्थित रहे। कार्यकम के सफल सम्पादन हेतु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र सिन्हा और कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी ने विभाग को शुभकामनाएं प्रेषित की तथा इस प्रकार के कार्यक्रमो के अनवरत रखने हेतू विश्वविद्यालय प्रशासन के तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

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