गौतमबुद्धनगर।ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क दो स्थित जीएनआईओटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान में चल रहे इंटरनेशनल एक्सचेंज प्रोग्राम आईआईपी- 23 के अंतर्गत दुबई गए हुए विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए डे मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी दुबई में सर्टिफिकेशन कोर्स का शुभारंभ किया गया।आईआईपी 2023 दुबई के पांच दिवसीय इस एक्सचेंज श्रृंखला के प्रथम दिवस में संस्था के सदस्यों ने सर्वप्रथम दुबई शहर ,शारजाह एवं दुबई के कई अन्य अतुलनीय वास्तुकला का भ्रमण किया I इन दौरान सदस्यों ने दुबई के सबसे पुरानी बाजार “मीना बाजार” का भ्रमण किया और यह जानने की कोशिश की की भारतीय बाजार एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बाजार में ग्राहकों की मानसिकता एवं व्यापारियों के मानसिकता एक व्यापार के परिवेश में क्या रहती है एवं उनमें क्या समानता और विभिन्नताएं उपलब्ध हैं उनका ध्यानपूर्वक अध्ययन किया I
दुबई स्थित आज के मीना बाजार भ्रमण का मुख्य उद्देश्य बाजार के ज्ञान के उत्सुकता को विद्यार्थियों के बीच जागृत करने की एक सार्थक प्रयास था I इस तरह के प्रयास का मुख्य उद्देश्य प्रतिपूर्ति छात्रों के मध्य एक कोतवाल को व्याप्त करने के उद्देश्य से रखा गया था ताकि इस नए बाजार का अध्ययन यहां के परिवेश से किया जा सकेIसंस्थान के निदेशक डॉक्टर भूपेंद्र कुमार सोम जी ने छात्रों से उत्सुकता और कौतूहल होने के अन्य फायदों का छात्रों के समक्ष रखा I उन्होंने अपने उद्बोधन में छात्रों से यह भी कहा की उत्सुकता ही अक्षरनवीनता को जब जन्म देती है जिससे संसार में नए प्रयास क्रियान्वित किए जाते हैंIइस सर्वेक्षण रूपी अध्ययन का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बीच में इस नई व्यवस्था का अध्ययन करना ताकि इस नई अर्थव्यवस्था के परिवेश में वह आगे आने वाले कई दिनों में चलने वाले सर्टिफिकेशन प्रोग्राम में तत्कालीन अर्थव्यवस्था एवं अपने राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में एक तुलनात्मक अध्ययन करते हुए इस समझ को स्थापित कर पाए जिससे की विभिन्न अर्थव्यवस्थाएं अपनी देश में व्याप्त व्यवस्थाओं के अनुरूप ही प्रतिपादित की जाती हैI आईआईपी 2023 दुबई, में दूसरे दिन छात्रों की सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के दौरान में डे मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी दुबई के आचार्य डॉ रजनी रामदास जी द्वारा फाइनेंशियल मैनेजमेंट- मैनेजिंग एवं फाइनेंस यूजिंग ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी विषय पर सर्टिफिकेशन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया I अपने प्रारंभिक उद्बोधन के दौरान डॉक्टर रजनी ने छात्रों स्वागत करते हुए इस यूनिवर्सिटी कैंपस को भी अपना ही नया परिवार समझने के लिए आग्रह किया और बताया कि यूनिवर्सिटी में व्याप्त समस्त व्यवस्थाएं छात्रों के लिए ही रखी गई है इसलिए छात्र भी पूरी ईमानदारी से उन सारी व्यवस्थाओं का उपयोग करें ताकि ज्ञान अर्जन की प्रक्रिया में तकनीकी या व्यवस्था कहीं पर भी बाधा न बन सकेI उन्होंने छात्रों से अपने जीवन शिक्षा एवं कार्य के विषय पर बड़ी ही विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि आज के विषय वस्तु ब्लॉकचेन का प्रयोग उन्होंने किस तरीके से एक विषय और एक कैरियर के तौर पर चुना I
शुरुआत में उपस्थित सभी छात्रों से फाइनेंस जगत के विभिन्न प्रश्नों को रखते हुए छात्रों के बीच व्याप्त वर्तमान स्थिति और उनकी अपेक्षाओं को समझा ताकि जब यह सर्टिफिकेशन विद्यार्थीयों को निर्गत किया जाए तो छात्रों में समझ एवं विषय के प्रति एक परिपक्वता का भाव व्याप्त हो I उन्होंने आज के इस बदलते आर्थिक एवं तकनीकी परिवेश के अंदर तकनीकी क्षेत्र में आ रही नई तकनीक को बताया और समझाया कि बदलते हुए परिवेश में पुरानी प्रक्रियाओं का निष्पादन किया जा सकता है पर उसे बेहतरीन परिणाम की अपेक्षा नहीं की जा सकती हैIउन्होंने ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी के मूल सिद्धांतों से अपने सत्र को प्रारंभ किया, इसके साथ ही “मनी” की परिभाषा को भी साझा किया, बोल इन दोनों ही मौलिक सिद्धांतों का मिश्रण ही भविष्य में आने वाली फिनटेक एवं तकनीकी का प्रयोग आर्थिक एवं वित्तीय जगत में किस तरीके के बदलाव का सूचक हो रहा हैI
इन विषयों पर चर्चा प्रारंभ करने के उपरांत, मूल सिद्धांतों को स्थापित करते हुए ब्लाकचैन इन फाइनेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन फाइनेंस, डिजिटल पेमेंट्स एंड द डिफरेंट गेटवे , फाइनेंशियल इनोवेशन आदि विभिन्न विषयों पर विचार रखते हुए छात्रों को मूल सिद्धांत एवं प्रयोगात्मक तरीके से भी विभिन्न विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की।वही आज के इस सत्र के समान रूप से दूसरे प्रतिभाग में जीआईएमएस, ग्रेटर नोएडा फैमिली की प्राचार्य डॉक्टर रुचि रायत द्वारा यूनिवर्सिटी में अध्यनरत छात्रों को लीडरशिप और इमोशनल इंटेलिजेंस विषय आयोजित सत्र में अपने विचार व्यक्त करते हुए छात्रों से साझा किया कि किस तरीके से आज के परिवेश में लीडरशिप एक अहम भूमिका निभाती है जो किसी भी संस्था को प्रगति के मार्ग पर प्रशस्त कर सकती हैI वही कुशल नेतृत्व और उसमें भी इमोशनली स्टेबल होना कितना महत्वपूर्ण है, इनके अत्यंत दूरगामी परिणाम भी हो सकते हैं किसी भी संस्थान के प्रगति में विषय पर अपने विचार रखेंI उन्होंने आज के इस वैश्विक परिवेश में कारपोरेट जगत से अनेक केस स्टडीज का माध्यम से छात्रों को यह समझाने का प्रयास किया की लीडरशिप की विशेषताएं और आवश्यकता क्या-क्या हैI वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर शालिनी शर्मा जी ने पावर ऑफ लिसनिंग - “सुनने की शक्ति: डीईआईबी और संचार में विरोधाभासी नेतृत्व” विषय पर अपने विचार रखें और बच्चों को यह साझा किया की उद्बोधन में विचार व्यक्त करना जितना आवश्यक है, उससे कई गुना सुनने की क्षमता का सृजन करना है I उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कक्षा में उपस्थित छात्रों के भीअनेकों एक्टिविटीज के द्वारा इस विषय वस्तु को पूर्ण रूप से स्थापित किया की सुनने का कौशल कितना महत्वपूर्ण हैI सुनने का कौशल ना ही कुशल नेतृत्व के लिए ही आवश्यक है अपितु समूह के अंदरव्याप्त विभिन्नताओं को समरसता में स्थापित करने के लिए भी अति आवश्यक हैI इन सभी सर्टिफिकेट प्रोग्राम के अंत में आज के कार्यक्रम की क्रम में डेजर्ट सफारी का आयोजन किया गया था, जिसमें सभी छात्र विभिन्न समूह के द्वारा लैंड रोवर गाड़ियों में डेजर्ट सफारी के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस से ही रवाना किए गए I डेजर्ट सफारी दुबई की अपनी एक विशेष पहचान रखता है I इस दौरान छात्रों ने भी डिजर्ट सफारी लुफ्त उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी I शाम से शुरू हुई या सफारी भ्रमण रात्रि भोजन के साथ समाप्त हुआ I
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