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देश के लिए बलिदान देने वालों को कोटि-कोटि नमन:- सुनील गलगोटिया ।




मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
गौतमबुद्धनगर ‌77वां भारतीय स्वतंत्रता दिवस गलगोटिया विश्वविद्यालय और गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के परिसर में बड़े उत्साह और आकांक्षा के साथ मनाया गया।इस शुभ अवसर पर गलगोटिया यूनिवर्सिटी के चांसलर सुनील गलगोटिया ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज पूरा देश उन लोगों को सलाम कर रहा है जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।देश के वीर शहीदों को याद करते हुए यूनिवर्सिटी के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि आज पूरे देश को अपने वीर शहीदों पर गर्व है। राष्ट्र उनके बलिदानों के लिए सदैव ऋणी रहेगा।गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के परिसर में महानिदेशक, ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड) डॉ. पीके चोपड़ा, वीएसएम ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश की सेवा करने के लिए सशस्त्र बलों की वर्दी में रहना आवश्यक नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की बेहतरी और भलाई के लिए किसी भी क्षेत्र में समर्पण और ईमानदारी से किया गया कोई भी कार्य राष्ट्र की सेवा है। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे कॉलेज में अपने कुछ वर्षों का सर्वोत्तम तरीके से उपयोग करें ताकि वे अच्छे नागरिक बन सकें और एक महान राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकें। उन्होंने "कारगिल युद्ध" के अपने अनुभव साझा किये।
कॉलेज टॉपर कौशल कुमार को सम्मानित करने के लिए महानिदेशक  जीपी कैप्टन (आर) डॉ. पी.के. चोपड़ा और कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अंसार अंजुम ने छात्र कौशल से एक पौधा लगवाया। डॉ. पी.के. चोपड़ा ने आसपास की मलिन बस्तियों के बच्चों को उपहार और सर्वश्रेष्ठ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पुरस्कार भी वितरित किये।उधर, गलगोटिया विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति डॉ. के. मल्लिकार्जुन बाबू ने ध्वजारोहण किया। छात्रों को संबोधित करते हुए श्री बाबू ने कहा कि हम सभी को अपने वीर शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने राष्ट्र के प्रति सदैव समर्पण की भावना बनाये रखनी चाहिए. उनके साथ प्रो० वॉइस चॉसलर प्रो.अवधेश कुमार, रजिस्ट्रार डॉ.नितिन गौड़, डॉ.एके जैन और एनसीसी अधिकारी दुष्यन्त राणा भी मौजूद रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शृंखला में छात्रों ने नृत्य और देशभक्ति के  गीतों की अद्भुत प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे पूरा वातावरण जीवंत और देश भक्ति के रंग में रंग गया। 



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