रामानंद तिवारी संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स दिल्ली।
दिल्ली: अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने नरेंद्र मोदी मा ० प्रधानमंत्री भारत सरकार से ज्ञापन सौपकर मांग की है कि संसद से "चंद्रमा को हिंदू राष्ट्र घोषित करने एवं पाकिस्तान के झंडे से चंद्र देवता और रोहिणी का प्रतीक हटवाया जाये, स्वामी चक्रपाणि ने बताया कि जैसा की सर्वविधिक है कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3, दिनांक 23 अगस्त 2023 को वैज्ञानिकों के अथक प्रयास देश के मंदिर आश्रमों में यज्ञ अनुष्ठान और भगवान की कृपा और आपके सहयोग से चंद्रयान 3, चंद्रमा पर उतरा उस स्थान को आपके द्वारा "शिव शक्ति धाम (पॉइंट) नाम घोषित किया गया जो चंद्रमा पर पहले हिन्दू सनातन के पवित्र शक्तिपीठ व धाम माना जाएगा, यह आपके द्वारा अत्यंत सराहनीय घोषणा है, वैसे भी चंद्रमा भगवान शिव के अनन्य भक्त है और अत्रि ऋषि का विवाह कर्दम मुनि की कन्या देवी अनुसूया के साथ हुआ था, जिनके तीन पुत्र हुए दुर्वासा ऋषि, भगवान दत्तात्रेय, और सोम यानी चंद्र (चंद्रमा) जो दक्ष प्रजापति के 27 कन्याओं से विवाह किया था समुद्र मंथन के समय विसपान की वजह से अत्यंत भीषण गर्मी को शांत करने हेतु भगवान शिव ने देवताओं और शीतलता के प्रतीक चंद्रमा के निवेदन पर भगवान शिव ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर विराजमान किया, और चंद्रमा को अनेक श्राप से मुक्ति किया, बचपन से हर हिंदू सनातनी मां अपने बच्चों को चंदा मामा की लोरियां सुना कर बड़ा किया, समस्त हिंदू सनातन धर्मियों का एक आध्यात्मिक सामाजिक अटूट संबंध है, चंद्रमा हमारे देवता है, लेकिन बड़े दुख की बात है कि कांग्रेस ने 14 अगस्त 1947 को न सिर्फ भारत के टुकड़े जिन्ना पाकिस्तान को दे दिया बल्कि हमारे चंद्र देवता के टुकड़े भी पाकिस्तान ने अपने झंडे पर लगा लिया जैसे हिटलर ने हमारे स्वास्तिक पर अवैध कब्जा किया था, ऐसे ही पाकिस्तान ने हमारे चंद्र देवता को अपने झंडे पर लगाकर पूरे विश्व में आतंक फैला रहा है, जो गैरकानूनी है और अन्त में स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि देवी अनुसूया के पुत्र सोम यानी चंद्रमा पर पहला अधिकार हिंदू सनातन धर्मियों का है इसलिए चंद्रमा को हिंदू राष्ट्र घोषित करने और पाकिस्तान अपने ध्वज से या तो चंद्रमा देवता का प्रतीक हटाए अन्यथा आतंकवाद छोड़ें नहीं तो संयुक्त राष्ट्र संघ में हमारी सरकार पाकिस्तान पर मानहानि का केस करें !
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