गाजियाबाद। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूल स्टाफ द्वारा घर जाकर वेरिफिकेशन करने पर रोक लगाने की उठाई मांग .
प्रदेश के अभिभावको एवम विद्यार्थियों के हक की आवाज उठाने वाली संस्था गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत चयनित बालक / बालिकाओं के निजी स्कूलों द्वारा स्टाफ को घर भेजकर वेरिफिकेशन कराने पर रोक लगाने की मांग उठाई गई है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी का कहना है कि संस्था को पिछले लंबे समय से शिकायत मिल रही है कि निजी स्कूलों द्वारा स्टाफ को आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों के घर भेजकर वेरिफिकेशन कराया जा रहा है जो सरासर आरटीई अधिनियम 2009 का उलंघन है क्योंकि जिला बेसिक शिक्षा कार्यलय द्वारा लेखपाल और तहसीलदार के माध्य्म से जांच कराने के बाद ही बालक अथवा बालिका के नाम का चयन सूची में किया जाता है फिर उसके बाद स्कूल स्टाफ को चयनित बच्चों के घर भेजकर वेरिफिकेशन कराने का कोई औचित्य नही रह जाता है और ना ही घर पर जाकर वेरिफिकेशन करना निजी स्कूलों के अधिकार क्षेत्र में आता है स्कूल स्टाफ द्वारा किसी भी बच्चे के घर या मोहल्ले अथवा वार्ड में जाकर निजी जानकारी एकत्र करना आरटीई अधिनियम 2009 का उलघ्न है हमने शिक्षा सत्र 2022-23 और 2023-24 दोनों में इस पर तत्काल रोक लगाने के लिये जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से अनुरोध किया था और बीएसए ने घर जाकर वेरिफिकेशन करने पर रोक लगाने के लिये जिले के सभी स्कूलो को पत्र जारी करने का आश्वाशन दिया था लेकिन आज तक कार्यलय द्वारा कोई पत्र जारी नही किया गया जिसके कारण निजी स्कूलों द्वारा बच्चों के घर जाकर वेरिफिकेशन कराने का दौर बदस्तूर जारी है निजी स्कूलों के शोषण से आरटीई के चयनित बच्चे और उनके अभिभवक दोनों ही मानसिक तनाव में है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिले के जिलाधिकारी से स्कूल स्टाफ द्वारा घर जाकर वेरिफिकेशन करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है हमे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जी इस गंभीर विषय का सज्ञान लेकर इस पर रोक लगाने के लिए अधिक्कारियो को सख्त निर्देश देगे
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