घोड़ी गांव के 6 शहीद किसानों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर एवं मौन धारण कर दी श्रद्धांजलि।



मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
गौतमबुद्धनगर ।घोड़ी गांव के 6 शहीद किसानों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर एवं मौन धारण कर दी श्रद्धांजलि - आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया गया- धरने को तेज करने का फैसला लिया- आज धरने के 88 वें दिन अध्यक्षता जगदीश नंबरदार ने की और संचालन अजय पाल भाटी ने किया धरने पर हजारों की संख्या में किसानों ने जबरदस्त नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। आज धरने को शुरू करने से पहले वर्ष 2008 में आज ही के दिन घोड़ी गांव के आंदोलनकारी किसानों पर पुलिस ने गोली चलाई थी जिसमें 6 किसान शहीद हुए थे आज धरना स्थल पर 6 शहीद किसानों को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए और 2 मिनट का मौन धारण किया गया, आज धरने पर 3:00 बजे किसान सभा की जिला एक्शन कमेटी की मीटिंग हुई एक्शन कमेटी ने आंदोलन की अब तक की समीक्षा की एक्शन कमेटी को संबोधित करते हुए डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि आंदोलन को 6 महीने से अधिक वक्त हो गया है और रात दिन के धरने को 88 दिन गुजर गए हैं इस बीच किसानों पर लाठीचार्ज भी हुआ है 19 दिन किसान जेल में भी रहे हैं और किसानों से हाई पावर कमेटी के गठन पर वादाखिलाफी भी की गई है इस दौरान कई दौर की वार्ता कई स्तरों पर संपन्न हुई है जिस के क्रम में केवल तीन मुद्दे प्राधिकरण बोर्ड में आधे अधूरे ढंग से ले जाए गए हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी से किसान कोटा प्लाटों में पुश्तैनी किसानों के संदर्भ में निर्माण विलंब पेनल्टी के प्रावधान को हमेशा के लिए पूरी तरह समाप्त करने, दुकान एवं वाणिज्य स्पेस को बनाकर अलग-अलग बेचने का प्रावधान करने पर सहमति बनी थी परंतु प्राधिकरण ने दुकानों एवं वाणिज्यिक स्पेस को अलग-अलग बेचने के संदर्भ में कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है इतना ही नहीं विलंब निर्माण शुल्क के प्रावधान को भी बरकरार रखा गया है और इसे मूल किसान और मूल किसान के वारिसान तक ही सीमित कर दिया गया है इस तरह इस मुद्दे पर सहमति के बावजूद मुद्दे को पूरी तरह हल नहीं किया गया है और ज्यादातर हिस्से को अधूरा छोड़ दिया गया है। 17.5 परसेंट प्लाट कोटा को पुनः बहाल करने, 120 वर्ग मीटर के न्यूनतम साइज के प्लाट को पुनः बहाल करने के प्रस्ताव को इसी बोर्ड बैठक में ले जाने पर सहमति बनी थी परंतु दोनों महत्वपूर्ण मुद्दों को 131 वीं बैठक में नहीं ले जाया गया।  अभी तक आबादी के जो प्रकरण सुने गए हैं उन्हें भी बोर्ड बैठक में नहीं ले जाया गया है। 12 तारीख को किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह के सामने एक बार फिर से अपनी समस्याओं को रखा है जिसमें 10% आबादी प्लाट, आबादियों के शासन स्तर पर एसआईटी जांच के लंबित प्रकरण, पतवारी समझौते के तहत 40 वर्ग मीटर के भूमिहीन के प्लाट, रोजगार की नीति एवं नए कानून को लागू करना शामिल था परंतु प्राधिकरण अधिकारियों  की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। उक्त चारों बड़े मुद्दों पर नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी की नियुक्ति से अभी तक जिसकी पृष्ठभूमि में किसानों से हाई पावर कमेटी के गठन से इनकार करते हुए वादा खिलाफी की गई थी और प्रथम बैठक में ही नए अधिकारी ने कहा था कि हम आपकी समस्याओं को हल करेंगे के संदर्भ में स्पष्ट किया जाना है कि अभी तक केवल बातचीत ही होती रही है कोई भी ठोस आश्वासन नहीं मिला है। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने एक्शन कमेटी को संबोधित करते हुए कहा कि प्राधिकरण के अधीनस्थ अधिकारी जानबूझकर किसान विरोधी रुख अपना रहे हैं और सहमति वाले बिंदुओं को हल्का करने की कोशिश कर रहे हैं किसानों में लगातार इस चीज को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है जय जवान जय किसान आंदोलन के नेता सुनील फौजी ने एक्शन कमेटी को संबोधित करते हुए कहा कि हमें 14 तारीख में प्राधिकरण अधिकारियों से निश्चित ठोस आश्वासन और समय सीमा के बारे में बात करनी है और 14 अगस्त को ही एक्शन कमेटी की बैठक में आंदोलन के बड़े प्रोग्राम की तारीख घोषित कर देनी चाहिए। आज एक्शन कमेटी ने आंदोलन को बड़ा रूप देने पर सहमति व्यक्त की है तारीख की घोषणा 14 अगस्त में प्राधिकरण अधिकारियों से वार्ता कर की जाएगी। जिला एक्शन कमेटी के सदस्य संदीप भाटी ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान सभा ने नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा मुद्दों पर पॉजिटिव संकेत दिए जाने से प्राधिकरण के विरुद्ध किसी बड़े आंदोलन की अभी तक घोषणा नहीं की थी, इसके बावजूद भी हजारों की संख्या में किसान रोज धरना प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं 131 वीीं बोर्ड बैठक के नतीजे किसानों के लिए अत्यंत निराशाजनक हैं किसानों में इसको लेकर आक्रोश है और अंतिम तौर पर प्राधिकरण अधिकारियों से 14 तारीख को वार्ताकर बड़े आंदोलन की तारीख की घोषणा की जाएगी आज धरना स्थल पर किसानों ने जबरदस्त नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जाहिर किया धरने को संबोधित करते हुए आज की धरना के अध्यक्ष जगदीश नंबरदार ने कहा कि जिन बिंदुओं पर सहमति बनी थी उन्हें हल्का करने का काम और बोर्ड में नहीं ले जाने का काम प्राधिकरण अधिकारियों ने किया है यदि धरना नहीं चल रहा होता तो प्राधिकरण अधिकारी इतना कार्य भी नहीं करते इसलिए किसी को मुगालते में नहीं रहना है और आंदोलन की जबरदस्त तैयारी करते हुए आंदोलन को बड़ा रूप देना है आज धरने को निशांत रावल, रोहित वसोया उर्फ मत्ते चौधरी, सुशांत भाटी, निशांत रावल, किसान सभा की केंद्रीय कमेटी के सदस्य पुष्पेंद्र त्यागी, हरेंद्र खारी, गवरी मुखिया, सुरेश यादव, सतीश यादव, सुशील सुनपुरा, सुंदर, पीतम खोदना खुर्द अभय भाटी, प्रशांत भाटी पाली नरेंद्र नागर बादलपुर रणवीर मास्टर मायेचा अजब सिंह नेताजी जुनपत पूनम भाटी तिलक देवी जोगेंद्ररी गीता भाटी प्रेमवती महेश प्रजापति शेखर प्रजापति संजय नागर इमलिया राम सिंह नागर इमलिया श्याम सिंह प्रधान जुनपत,  सचिन एडवोकेट चौगानपुर, विनोद भाटी चौगानपुर, संदीप भाटी चौगानपुर एवं सैकड़ों किसान मौजूद रहे। भवदीय, डॉक्टर रुपेश वर्मा, प्रवक्ता, अखिल भारतीय किसान सभा, गौतम बुध नगर

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