गौतम बुध नगर।कु.मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय,बादलपुर में एन.सी.सी. इकाई के सौजन्य से चौबीसवाँ कारगिल विजय दिवस मनाया गया। प्राचार्या प्रो दिव्या नाथ के निर्देशन में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखते हुए डॉ. संजीव कुमार ने 1990 के दशक में उत्पन्न कारगिल युद्ध के राजनीतिक कारणों जैसे;कश्मीरी पंडितों का नियोजित नरसंहार, भारत का परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर न करना, भारत तथा पाकिस्तान द्वारा 1998 में किये गए परमाणु परीक्षण तथा लाहौर बस यात्रा को संदर्भ सहित स्पष्ट किया गया जो कहीं न कहीं कारगिल षड़यंत्र का निर्धारक बने। उन्होंने ऑपरेशन विजय के संघर्ष और उसकी सफलता के साथ साथ युद्ध उपरान्त के प्रभावों पर भी क्रमबद्ध तरीके से प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि यह दिन भारतीय सेना की वीरता,अदम्य शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है।आज सम्पूर्ण राष्ट्र कारगिल युद्ध में शहीद हुए उन बहादुर सैनिकों को विनम्र श्रद्धांजलि दे रहा है जिन्होंने मातृभूमि की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए एन.सी.सी इकाई प्रभारी लेफ्टिनेंट (डॉ.) मीनाक्षी लोहनी ने कहा कि कारगिल युद्ध ने पाकिस्तान को यह अहसास तो करा ही दिया कि अगर उसकी सेना भारत के खिलाफ भविष्य में पुनः ऐसा दुस्साहस करेगी तो न तो उसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलेगा,न सम्मान और न क्षमा। डॉ.लोहनी ने यह भी कहा कि ऑपरेशन विजय की सफलता में भारतीय वायु सेना के ऑपरेशन सफ़ेद सागर और भारतीय नौसेना के ऑपरेशन तलवार का योगदान भी नहीं भुलाया जा सकता।उन्होंने लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया,कैप्टेन मनोज कुमार पांडेय,विक्रम बत्रा और अन्य परमवीर चक्र विजेताओं के अदम्य साहस और वीरता की कहानी सुनाकर सभागार की आंखों को नम कर दिया। मंच का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विनीता सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर एन.सी.सी कैडेट्स सहित महाविद्यालय के अन्य शिक्षकों एवं छात्राओं की उपस्थिति एवम सहयोग सराहनीय रहा।
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