मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
दादरी। पूर्व ब्लाक प्रमुख कर्मवीर नागर ने बताया कि उत्तर रेलवे क्षेत्र के दिल्ली- अलीगढ़ रेल मार्ग पर गाजियाबाद और दादरी के बीच स्थित मारीपत रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर गुर्जर समाज के किसी महान पुरुष के नाम पर रखा जाना चाहिए। मारीपत रेलवे स्टेशन का नाम बदलने से इस क्षेत्र की जन भावनाओं का सम्मान होगा। जैसा कि सब जानते हैं यह रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के जनपद गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा और दादरी विधानसभा क्षेत्र की सीमांतर्गत आता है। इस स्टेशन के इर्द-गिर्द दूर-दूर तक गुर्जर जाति का बाहुल्य है। दादरी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक भी गुर्जर समाज से ही ताल्लुकात रखते हैं। बड़े कौतूहल का विषय है कि मारीपत रेलवे स्टेशन का नामकरण किस आधार पर किया गया है इस विषय में इस क्षेत्र के लोगों से पूछा जाए तो कोई कुछ नहीं जानता। भले ही लोगों ने कोई किवदंती गढ़ रखी हो लेकिन वह प्रमाणिक नही है। क्योंकि जहां पर यह स्टेशन स्थित है वहां मारीपत नाम से न कोई गांव है, न कोई कस्बा है और ना ही ऐसा कोई ऐतिहासिक नामोनिशान है जिसकी वजह से इस रेलवे स्टेशन का नाम मारीपत रखा गया हो। इसीलिए क्षेत्र की जनता चाहती है कि गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र के बीच स्थित इस स्टेशन का नाम मारीपत से बदलकर किसी ऐसे महापुरुष, स्वतंत्रता सेनानी, प्रसिद्ध उद्योगपति अथवा किसी सर्वमान्य व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाय जो गुर्जर समाज से ताल्लुकात रखता हो। अगर सुझाव के तौर पर ऐसे नामों पर नजर डालें तो स्व.राजेश पायलट के नाम पर इस रेलवे स्टेशन का नाम रखना सबसे सटीक, बहतर और लोकप्रिय होगा क्योंकि इसी मारीपत स्टेशन से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्व श्री राजेश पायलट का पैतृक गांव वैदपुरा स्थित है जहां पर उनका समाधि स्थल और स्व राजेश पायलट के नाम से अस्पताल भी निर्मित है। इसके अतिरिक्त अगर गुर्जर समाज के अन्य लोकप्रिय महापुरुषों पर नजर डाली जाए तो गुर्जर समाज के प्रसिद्ध उद्योगपति स्व. चौधरी वेदराम नागर का नाम भी इस क्षेत्र का काफी चर्चित और लोकप्रिय नाम है। अगर धार्मिक आस्था की दृष्टि से नजर डालें तो इस क्षेत्र में दादी सती काफी पूज्यनीय है। इसी तरह अगर ऐतिहासिक महापुरुषों पर नजर डालें तो बिजोलिया किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले गुर्जर समाज से ताल्लुकात रखने वाले श्री विजय सिंह पथिक और गुर्जर सम्राट मिहिर भोज जैसे नामों पर भी इस स्टेशन का नाम रखने के लिए विचार किया जा सकता है। अगर रेल मंत्रालय और भारत सरकार मारीपत रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर गुर्जर समाज के किसी महापुरुष के नाम पर रखती है तो यह इस क्षेत्र की जन भावनाओं का बहुत बड़ा सम्मान होगा और इस क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत बड़ा तोहफा माना जाएगा।
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