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भाजपा के क्षेत्रीय अध्‍यक्ष सतेन्‍द्र सिसौदिया ने दिया सपा को बड़ा झटका,


मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतम बुध नगर 
गौतम बुध नगर: भाजपा के पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश को साधने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसका उदाहरण मेरठ में देखने को मिला। मेरठ में भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सिह सिसौदिया ने सपा को बड़ा झटका दिया है। मेरठ के समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह और जिला उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र मलिक ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। जयवीर सिंह और धर्मेन्द्र मलिक को भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय पर सतेन्द्र सिंह सिसौदिया ने भाजपा में शामिल कराया। जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह और जिला उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र मलिक केअप्रत्याशित तरीके से भाजपा में शामिल होने को समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं, जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पूर्व इस प्रकार के कई उदाहरण प्रदेश में देखने को मिलेंगे।दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल रणनीतिक जोड़तोड़ में लगे हुए हैं। सभी राजनीतिक दल भलीभांति जानते हैं कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। हाल ही में हुए नगर निकाय चुनावों में भी जनता ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर मुहर लगा दी है। भाजपा योगी आदित्यनाथ के काम और लोकप्रियता को पूरी तरह से लोकसभा चुनाव 2024 में भुनाना चाहती है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जानता है कि कुछ राज्यों में उन्हें नुकसान होने की संभावना है। ऐसे में उसकी क्षतिपूर्ति पार्टी उत्तर प्रदेश में करना चाहती है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से अतिरिक्त मेहनत शुरू कर दी है। पार्टी के शीर्ष नेता भी उत्तर प्रदेश पर जोर दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियतऔर राजनीतिक माहौल को देखते हुए स्वयं के लिए 80 सीटों का लक्ष्य तय किया है। यही कारण है कि भाजपा सभी सीटों पर पूरा जोर लगा रही है।भाजपा के लक्ष्य को हासिल करने में पश्चिम उत्तर प्रदेश की होगी अहम भूमिका भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उत्तर प्रदेश में तय किए गए 80 सीटों के लक्ष्य को हासिल करने में पश्चिम उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका होगा। यही कारण है कि पार्टी पश्चिम उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से साधने में जुटी है। मेरठ के समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह औरउपाध्यक्ष धर्मेन्द्र मलिक का नाटकीय अंदाज में पार्टी छोड़ना और भाजपा में शामिल होना इसी बात को दर्शाता है। बता दें कि जयवीर सिंह नगर निकाय चुनाव से ठीक पहले अप्रैल माह में दोबारा पार्टी के जिलाध्यक्ष बनाए गए थे। भाजपा में शामिल होने के बाद ही माह में दोबारा पार्टी के जिलाध्यक्ष बनाए गए थे। भाजपा में शामिल होने के बाद ही समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने तुरन्त ही जयवीर सिंह का पार्टी से निष्कासन का पत्र जारी कर दिया था। वह साल 2013 से साल 2017 तक सहकारी बैंक के चैयरमेन और दो बार डायरेक्टर रहे हैं। साल 2008 से साल 2017 तक वह समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे थे। इस बार उन्हें जिलाध्यक्ष बनाए जाने को लेकर पार्टी में मतभेद थे। इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें जिलाध्यक्ष बनाया था। इससे पूर्व पार्टी की जिला कार्यकारिणी भंग चल रही थी। वहीं जयवीर सिंह ने पार्टी छोड़ने के बारे में कहा कि वह पार्टी की स्थानीय गुटबाजी से खुदको असहज महसूस कर रहे थे। वह पार्टी के लिए काम करना चाहते थे, लेकिन उन्हें पार्टी के लिए काम करने का मौका नहीं मिल रहा था। एक विधायक का रवैया पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन के प्रति बहुत ही रूखा था। नगर निकाय चुनाव में मेयर के टिकट से लेकर चुनाव तक इस था। एक विधायक का रवैया पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन के प्रति बहुत ही रूखा था। नगर निकाय चुनाव में मेयर के टिकट से लेकर चुनाव तक इस विधायक का रवैया बहुत खराब था। चर्चा है कि जयवीर सिंह को भाजपा सहकारी बैंक का चैयरमेन बना सकती है।

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