गौतम बुद्ध नगर कुमारी मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय बादलपुर में प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. दिव्या नाथ जी के अध्यक्षता एवं संरक्षण में आजादी के अमृत महोत्सव एवं संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में परशुराम: 'ओजस्विता के पर्याय' विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के आरंभ में प्राचार्या महोदया ने परशुराम के प्रतिमा के सम्मुख माल्यार्पण करते हुए उनके विचारों एवं जीवन चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। विभाग प्रभारी प्रोफेसर डॉ. दीप्ति बाजपेई ने अपने विशिष्ट व्याख्यान में बताया कि भगवान परशुराम का आदर्श चरित्र प्रत्येक युग और देश में सदा प्रासंगिक है। वे यथार्थ की कठोर प्रस्तर शिला पर सुप्रतिष्ठित हैं और मानव मन की फूल से भी कोमल तथा वज्र से भी कठोर-'वज्रादपि कठोराणि मृदूनि कुसुमादपि' अन्तः वृत्तियों के संवाहक हैं। डॉक्टर नीलम शर्मा ने कहा कि आज के सामाजिक अस्त-व्यस्तता के युग में क्रांतिकारी विचारों की आवश्यकता है। परशुराम के जीवन अवतार की वर्तमान में प्रासंगिकता और अनुकरणीयता को दृष्टि में रखकर ही उन्हें ओजस्विता का पर्याय माना गया है । इसी क्रम में डॉ. कनकलता द्वारा भगवान परशुराम के अवतारवाद को बताते हुए उनके संक्षिप्त जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। छात्राओं को परशुराम के जीवन से प्रेरित करने के लिए उन्होंने बताया कि किस प्रकार दृढ़ निश्चय से दुनिया को हिला देने की शक्ति हमारे भीतर है।कार्यक्रम का सफल समापन में आजादी के अमृत महोत्सव के प्रभारी डॉ संजीव कुमार का विशेष योगदान रहा ।कार्यक्रम अपने महनीय उद्देश्य में सफल रहा । छात्राओं ने उत्साह पूर्वक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया एवं व्याख्यान से लाभान्वित हुई। महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापको ने भी कार्यक्रम में उपस्थित होकर छात्राओं का मनोबल बढ़ाया ।
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