दादरी न्यूज़, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मिलने के बाद दादरी में नज़र नहीं आ रहे हैं जगभूषणआलाकमान से रुष्ट चल रहे थे जगभूषण गर्ग ।
नगर पालिका अध्यक्ष के टिकट के लिए भाजपा में बड़ी लम्बी लाइन थी, जगभूषण गर्ग भी उस लाइन में अपनी मजबूत दावेदारी पेश की लेकिन हाईकमान ने टिकट दो बार से नगरपालिका अध्यक्ष गीता पंडित को ही उचित समझा, उसी दौरान जगभूषण गर्ग बागी होकर अपना निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया।
दादरी। चुनावी समर में जग भूषण गर्ग ने चुनाव से किया किनारा, दादरी नगर में चल रहे नगर पालिका चुनाव में अधिकतर विश्लेषकों की आशंका सच साबित हुई है। भाजपा के बाग़ी प्रत्याशी जगभूषण गर्ग चुनाव मैदान छोड़कर भाग गए हैं। विश्लेषकों को पहले दिन से ही आशंका थी कि दादरी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद प्रत्याशी और जन्मजात भाजपाई जगभूषण गर्ग एक ना एक दिन अवश्य बैठ जाएंगे। उन्होंने पार्टी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था। उनके नामांकन में भाजपा प्रत्याशी गीता पंडित से अधिक भीड़ जुटी। चुनाव प्रचार शुरू होते ही उनके साथ सभी जाति वर्ग के लोग जुड़ने लगे। सवाल उठ रहे थे कि क्या वे चुनाव जीत सकते थे ? इससे भी बड़ा प्रश्न यह था कि क्या उनके चुनाव लड़ने से भाजपा प्रत्याशी की हार हो जाएगी ? दादरी नगर के वैश्य समाज ने उनमें पूरा भरोसा जताया था। पुलिस और जीएसटी विभाग की छापेमारी ने इस वर्ग को जगभूषण गर्ग के पक्ष में और मजबूती से खड़ा कर दिया था।
मुस्लिम मतदाता सपा प्रत्याशी अय्यूब खान के पक्ष में।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात
नाक का सवाल बने जन्मजात भाजपाई जगभूषण गर्ग ने कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर ही ली। मुख्यमंत्री के साथ भेंट करते जगभूषण गर्ग का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही उनके चुनावी कार्यालय पर बैठे समर्थकों में निराशा छा गई। अधिक निराश वहां बैठे मुस्लिम समर्थक थे। कहा जा रहा है कि इस परिवर्तन से दादरी नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर स्थानीय विधायक तेजपाल नागर और सांसद डा. महेश शर्मा की दांव पर लगी साख बच गई है। यह अलग सवाल है कि बाग़ी होकर चुनाव लड़ रहे जगभूषण गर्ग के समर्थकों का अब क्या होगा ?जगभूषण गर्ग के कुछ समर्थक अभी भी उम्मीद बनाए हुए हैं कि शायद उनका प्रत्याशी कोई नई घोषणा कर दे। कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद से जगभूषण गर्ग दादरी में कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे हैं उनके दिखाई न देने को लेकर तरह तरह की चर्चाएँ व्याप्त हैं।
खबर खण्डन के लिए जगभूषण गर्ग का फोन स्विच ऑफ था।
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