दादरी। आर्य सागर खारी ने बताया कि माहश्य राजेंद्र आर्य निवासी पल्ला ग्रेटर नोएडा के आवास पर आयोजित चार दिवसीय यजुर्वेद पारायण महायज्ञ के अंतिम दिवस पूर्णाहुति के अवसर पर आज योगनिष्ठ तपोनिष्ठ त्रिगुणातीत पूज्य स्वामी चित्तेश्वरानन्द जी ने ऋग्वेद के अंतिम मंडल के अंतिम मंत्रों की अध्यात्मपरक गहन गंभीर व्याख्या की।
स्वामी जी ने कहा---" प्रकृति उससे उत्पन्न समस्त कार्यरूप पदार्थ मन बुद्भि नष्ट होते है । हमारा शरीर सूर्य चंद्र तारे लोक लोकांतर सभी नाशवान है ।एक आत्मा ही शाश्वत है उत्पत्ति नाश से रहित ।आत्मा इस मामले में परमात्मा का सजातीय है। दोनों चेतन है इस मामले में भी सजातीय है। परमात्मा के पश्चात सत्तावान पदार्थों में सबसे महान सत्ता आत्मा की है आत्मा अविवेक से सुख दुख भोगता है अपवित्र मलिन हो जाता है। स्वामी जी वैदिक जगत की अमूल्य निधि है स्वामी जी निष्काम योगी आत्मा है यह हमारा सौभाग्य है स्वामी जी का आशीर्वचन मार्गदर्शन हमें यज्ञों में मिल रहा है"।
वानप्रस्थी ओम मुनी नें राजेंद्र आर्य, उनके सुपुत्र विनय आर्य, विकास आर्य उनकी पुत्रवधू पुत्री उनके भाई भतीजे व यज्ञ वेदी पर उपस्थित सभी अतिथियों को जल छिडककर आशीर्वाद दिया अद्भुत परिदृश्य था। गुरुकुल पोंधा के ब्रह्मचारीयो ने वेद गान किया।
पश्चात में यमुनानगर से आए हुए महाशय रूहेल जी ने बहुत सुंदर मधुर गंभीर वाणी में भजन उपदेश किया उन्होंने 3 भजन सुनाए एक भजन ऋषि महिमा को लेकर था। कार्यक्रम में उपस्थित सम्माननीय मातृशक्ति जिला क्रीड़ा अधिकारी पूनम विश्नोई जी का भी स्वागत किया गया। उन्होंने बहुत सुंदर ईश्वर भक्ति का भजन सुनाया ।कार्यक्रम में जिला कमांडेंट होमगार्ड विभाग वेदपाल चपराणा जी का भी स्वागत किया गया उन्होंने पर्यावरण संरक्षण वृक्षारोपण को लेकर बहुत ही प्रेरक संदेश दिया लोगों से अपील की हम जो भी फल कुछ खाते हैं आम जामुन आदि उसके बीजों को कूड़े में ना फेंककर उपयुक्त भूमि पर डाल दें स्वतःस्फूर्त वृक्षारोपण हो जायेगा ।ऐसा कर हमें हरे-भरे वृक्ष मिल जाएंगे प्राणवायु आक्सीजन भी हमें मिलती रहेगी।वैदिक प्रवक्ता आचार्य कुंवर पाल जी ने भी बहुत ही प्रेरक महाभारत की शिक्षाओं को लेकर उद्बोधन दिया।
अंत में देव मुनी जी ने सभा को संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन आर्य सागर खारी ने किया। शांति पाठ के पश्चात सभी अतिथियों ने सुंदर आयोजक परिवार की ओर से आयोजित प्रीतिभोज का आनन्द लिया।
आर्य सागर खारी✍
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