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वेदराम नागर की मदद के लिए मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा। गुलाम नबी आजाद

कर्मवीर आर्य संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्धनगर।

दूग्ध सम्राट स्वर्गीय वेदराम नागर की फ़ोटो 

नोएडा। किसान के बेटे वेदराम नागर ने  खड़ा किया अरबों रुपए का दुग्ध का कारोबार वेदराम नागर की प्रशंसा करने के लिए अधीर हुए गुलाम नबी आजाद। अपनी आत्मकथा में दिया सम्मान। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे एव डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद का गौतमबुद्धनगर से भी अच्छा संबंध रहा है। अपनी आत्मकथा में चौधरी वेदराम नागर वह इसका जिक्र करना नहीं भूले हैं। बुलंदशहर के गुलावठी के रहने वाले और दुग्ध कारोबारी वेदराम नागर का उन्होंने आत्मकथा में जिक्र करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है। वेदराम नागर गौतमबुद्ध नगर के सांसद रहे व वर्तमान में राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर के पिता थे। बुलंदशहर के गुलावठी में उन्होंने दुग्ध व्यापार शुरू किया था। गुलाम नबी आजाद ने आत्मकथा में लिखा है कि जब कश्मीर में उग्रवाद चरम पर था। प्रदेश में ठहरने के दौरान मेरे पास पर्याप्त सुरक्षा भी नहीं थी। इसके बावजूद मैंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष होने के नाते कश्मीर जाने का फैसला लिया। उस वक्त कांग्रेस नेता व सहृदय दुग्ध कारोबारी वेदराम नागर मदद को आगे आए। उन्होंने मुझे अपने सुरक्षाकर्मी उपलब्धकराए। इसके लिए मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा। गुलाम नबी आजाद ने आगे लिखा है कि 1977 से 80 के दौरान जब वह पार्टी महासचिव थे व दिल्ली में साउथ एवेन्यू के फ्लैट में रामचंद्र रथ के साथ रहते थे। रामचंद्र रथ भारतीय यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष थे, वेदराम नागर ने नियमित दूध उपलब्ध कराया। इसके लिए उन्होंने कोई राशि भी नहीं ली थी। वेदराम नागर गांव के कम पढ़े लिखे किसान थे। वेदराम नागर ने गांव के किसान के रूप में खेती की अपने जीवन में घोर संघर्ष किया और गांव से निकलकर दूध का कारोबार पूरे देश ही नहीं एशिया मे भी खड़ा कर दिया और वर्तमान में वेदराम नागर की शंतान भी दूध, राजनीतिक, सामाजिक, मेडिकल एवं रियलस्टेट कारोबार के छेत्र में पिता के पदचिन्हों पर अग्रसर है। वेदराम नागर देश के अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रहे।

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