गाजियाबाद। महानंद मिशन हरिजन कॉलेज गाजियाबाद एवं शिक्षा, पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र मे काम करने वाली संस्था कोटा एक्सपर्टस एनवायरनमेंट इम्पैक्ट एक्सेसमेंट डिवीज़न (के. ई.ई. आई .ए. डी.)के बीच मे समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) हस्ताक्षर किया गया। इस एम.ओ.यू. पर कालिज की तरफ से प्रधानाचार्य प्रोफेसर पियूष चौहान एव संस्था की तरफ से प्रिंसिपल रिसर्चर डॉ विजय विश्वास ने हस्ताक्षर किए तथा गवाह के रूप मे कालिज के समाज शास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ राकेश राणा ने हस्ताक्षर किए। कालिज के शिक्षक डॉ राकेश राणा ने बताया कि दोनों संगठनों ने इस समझौता ज्ञापन में वर्णित,पर्यावरण, शिक्षा, अनुसन्धान और सतत विकास पर छात्रों के लिए प्रशिक्षण और अनुसंधान संबंधी गतिविधियों पर सहयोग के क्षेत्रों पर सहमति व्यक्त की है तथा दोनों संगठन पर्यावरण, वन्य जीव संरक्षण और प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन शमन, वायु प्रदूषण नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ कृषि जैसे पर्यावरण के क्षेत्रों में अनुसंधान, जन जागरूकता और संवर्धन के लिए साझेदारी स्थापित करने पर सहमत हैं।
कीआड, 2012 में पंजाब में पंजीकृत एक गैर-सरकारी राष्ट्रीय संगठन कोटा एक्सपर्टस एजुकेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का साइंटिफिक रिसर्च विंग है, जो मुख्य रूप से पर्यावरण, वन्य जीव, अद्रभूमि,पक्षी संरक्षण और उन्नय अनुसंधान और जन जागरूकता तथा वायु प्रदूषण प्रबंधन, जल सरक्षण, जलवायु परिवर्तन, हरित ऊर्जा, अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन, वृक्षारोपण, सतत विकास, के क्षेत्र में कार्य कर रही है।
कीआड के प्रिंसिपल रिसर्चर डॉ विजय विश्वास ने कहा कि दोनों संगठनों का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण सुरक्षा और सतत विकास लक्ष्यों (#SDG) के लिए अनुसंधान गतिविधियां और तकनीकी नवाचार, तथा छात्र-छात्रों, शोधकर्ताओं, संकायों और आम जनता के बीच पर्यावरण व वन्य जीव सरक्षण के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना; जमीनी कार्य के साथ पर्यावरणीय चिंताओं के विषयों पर राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन, संगोष्ठिया, सेमिनार, कार्यशालाएँ, प्रशिक्षण, बैठक आदि जैसे विभिन्न शैक्षणिक और वैज्ञानिक गतिविधियों को आयोजित करना होगा। वर्तमान मे जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तपन, वायु प्रदूषण, पानी की कमी, इलेक्ट्रॉनिक कचरा जैसी वैश्विक समस्या अहमारे सामने है जिसके लिए सरकारी, गैर सरकारी संस्था एव शैक्षिक केंद्रों को मिलकर काम करना होगा।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पियूष चौहान ने इस हस्ताक्षर ज्ञापन पर बहुत खुशी व्यक्त की और उन्होंने कहा कि यह समझोंता एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे हमारे छात्र-छात्रों को दुनिया के पर्यावरणीय मूददों की जानकारी होगी और जमीन पर कुछ कार्य करने का मौका भी मिलेगा। हम संस्था के साथ मिलकर उपरोक्त निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास करेंगे. आज इस समझौता पत्र पर सहमति बनाने में डॉ उत्तम, डॉ रविंद्र यादव, हरिदत्त शर्मा और आई. क्यू. ए. सी. के कनवीनर डॉ अनिरुद्ध भार्गव मौजूद रहे।
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