गौतम बुद्ध नगर बैद्धिक संपदा के क्षेत्र में असीम संभावनाऐं है आवश्यकता इस बात कि है कि संपदा की चयन कर उस क्षेत्र में कार्य किये जाने की। विधि के छात्रों को बौद्धिक संपदा और उससे सम्बन्धित अधिकार को लेकर सजग होकर कार्य करने की आवश्यकता है। उक्त बातें आज गौतम बुद्ध विश्विद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ, जस्टिस एण्ड गवर्नेंस में एक विषय विषेशज्ञ और वक्ता के रुप में बोलते हुऐ सुश्री ईषा शर्मा जी ने कही। उन्होंने अपने व्याख्यान में बौद्धिक संपदा क्या है?, पेंटेन्ट क्या है?, कौन सी वस्तुओं का पेंटेन्ट कराया जा सकता है और कौन सी विषय वस्तुओं की पेंटेन्ट नहीं कराया जा सकता पेंटेन्ट के पंजीकरण की प्रक्रिया क्या है?, पेंटेन्ट की अवधि क्या होती है?, साथ ही उन्होंने ट्रेडमार्क, कापी राइर्ट, भौगेलिक उपदर्शन डिजाइन आदि विषयों जो कि बौद्धिक संपदा से जुडी हुई है, का संक्षिप्त वृतांत भी प्रस्तुत किया। उक्त अवसर पर छात्र-छात्राओं में विषय से सम्बन्धित जिज्ञासाओं का प्रश्नों के माध्यम से शांत किया। उक्त कार्यक्रम के संयोजक डा. संतोष कुमार तिवारी रहें जो कि वर्तमान सत्र में छात्रों को बौद्धिक संपदा विधि की अध्यापन कार्य कर रहें। उक्त कार्यक्रम में विभाग के अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम का संयोजन संकायाध्यक्ष डा. के. के. द्विवेदी एवं विभागाध्यक्षा डा. रमा शर्मा ने किया।उक्त कार्यक्रम में छात्र विकास, मिलिन्द, दर्शन, मुस्कान एवं राहुल तथा छात्राऐं राजकृति, गरिमा, रीतु, व साक्षी आदि उपस्थित रहें। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये माननीय कुलगुरु प्रो. रविन्द्र कुमार सिन्हा जी एवं कुलसचिव डा. विश्वास त्रिपाठी जी ने शुभकामनाऐं प्रेषित की।
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