गौतम बुद्ध नगर जिला कारागार, गौतमबुद्धनगर में दिनांक-04.03.2023 से 06.03.2023 तक बंदियों के गुणोत्तर सुधार हेतु त्रिदवसीय रामकथा का आयोजन कराया जा रहा है। कथावाचिका परमपूज्यनीया देवी राज राजेश्वरी जी के द्वारा रामकथा के विभिन्न प्रसंगों को कारागार के परिपेक्ष्य में सुधार हेतु बहुत ही रूचिकर रूप से बंदियों को श्रवण कराया जा रहा है। आज कथा के प्रथम दिवस देवी राज राजेश्वरी जी द्वारा बंदियों को बताया गया कि श्री रामचरित हो या गीता हो ये ऐसे ग्रन्थ हैं जो स्वयं कृपा करते हैं। उन्होंने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि रामचरित मानस क्या है? ऐहि महँ र घुपति नाम उदारा। अति पावन पुरान श्रुति सारा।।
अर्थात श्री राम नाम के अतिरिक्त इसमें कुछ नहीं हैख् जो कुछ भी है वह राम नाम का ही प्रताप है, और श्री राम नाम का ही प्रकाश है।जेल अधीक्षक श्री अरूण प्रताप सिंह द्वारा बताया गया कि कारागार में निरूद्ध बंदियों के सुधार हेतु रामकथा का आयोजन कराया जा रहा है, जिसे बंदी बहुत ही रूचिपूर्ण रूप से श्रवण कर रहे है। रामकथा के आयोजन से कारागार के अंदर बंदियों के मध्य एक सकारात्मक वातावरण उत्पन्न हो रहा है, जोे न सिर्फ कारागार में निरूद्धि अवसादग्रस्त बंदियों को अवसाद मुक्त करने में भी सहायक हो रहा है अपितु बंदियों को अपराध के रास्ते से दूर कर कारागार से मुक्त होने के उपरांत समाज की मुख्य धारा में जोड़ने में भी सहायक सिद्ध होगा। इस अवसर पर जेल अधीक्षक, श्री अरूण प्रताप सिंह, जेलर, श्री जे0पी0 तिवारी तथा कारागार के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी तथा रोटरी क्लब ग्रेटर नोयडा के पूर्व अध्यक्ष, श्री मुकुल गोयल उपस्थित रहे।
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