मुझे मय के साथ साक़ी है निगाह की ज़रूरत, नहीं इस तरफ तवज्जो तो ये जाम भी उठा ले
बुढ़ाना। युवा शायर अमृतांशु शर्मा व अल्लामा सय्यद अफीफ सिराज रिज्वी के बुढ़ाना आगमन पर बीती मंगलवार की देर रात से आज बुधवार की अल सुबह तक भाजपा नेता शाहिद असलम के मोहल्ला काजीवाडा स्थित आवास पर एक मुशायरा हुआ। जिसमें अन्य शायरों को भी आमंत्रित किया गया। शायर इजहार अहमद इजहार ने कहा कि जब कयामत की चलके में चाल आ गया, मेरी बासी कढ़ी में उबाल आ गया। शायर अल्लामा सय्यद अफीफ़ सिराज रिज़्वी ने कहा खोल के आंखें देख कहीं कुछ और नही, दिल दिलकश दिल दारा दिलबर अल्लाहू, शायर अमृतांशु शर्मा ने पढ़ा कि बहुत कीमती हैं ये पैरों के छाले, अंधेरों में हैं ये सरापा उजाले, जफ़ा करने वाले जफ़ा कर रहे हैं, वफ़ा कर रहे हैं वफ़ा करने वाले। शायर साहिल जमाली ने पढ़ा कि हमारा साथ बुरा है तो छोड़ दो बेशक, हमारे बाद कोई हमसफ़र नहीं होगा। शायर ख्वाजा तारिक उस्मानी ने पढ़ा कि मुझे मय के साथ साक़ी है निगाह की ज़रूरत, नहीं इस तरफ तवज्जो तो ये जाम भी उठा ले। शायर गौहर जमाली ने पढ़ा कि उनकी गलियों में जा के देखेंगे, आज फिर दिल दुखाके देखेंगे। हकीम अफजाल ने कहा कि तेरे क़रीब से गुज़रा हूँ अजनबी बनकर, ये फैसला भी किया है तेरी ख़ुशी के लिए। शायर गुलजार बुढ़ानवी ने पढ़ा कि तू अगर साथ है ईद हर पल, तू नहीं है तो सब रायगां है, तेरे आज़ा हैं मिसरे ग़ज़ल के, तू मुकम्मल सी एक दास्ताँ है। रमीज वाहिद मेरठी ने पढ़ा कि मदाख़िलत न करेंगे ये राय पर मेरी, गर ये दोस्त मेरा एहतराम जानते हैं। शायर अमजद आतिश खतौलवी ने पढ़ा कि कलेजे आये हैं मुँह को तेरे सिवा कितने, ये कैसी लय तेरे बीमार की पुकार में है। सदारत हाजी जमशेद राइन, कन्वीनर छात्र नेता शाहिद असलम व रमीज़ माविया थे। यहां एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी के छोटे भाई माजुद्दीन सिद्दीकी, सपा नेता तोसीफ राही, असलम ठेकेदार, क़ाज़ी नदीम अहमद, भाजपा ज़िला कार्यकारिणी के सदस्य शाहिद असलम, मुंशी तमीज सिद्दीकी, नूरुद्दीन सिद्दीक़ी, शाहबाज सिद्दीक़ी, मोहम्मद मियां एडवोकेट, अशरफ अली, वजीर पहलवान, तबरेज खान, एजाज सलमानी, फिरोज़ कुरैशी, आतिफ बघरा, अब्दुल वाहिद मंसूरी, जमाल बिट्टू, दानिश सिद्दीकी, नाजिम सिद्दीकी, सलमान राइन, रमीज राजा, असलम पेंटर, रिहान सिद्दीकी, मास्टर ईशा, सादिक और साकिब आदि श्रोता मौजूद रहे।
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