गौतम बुद्ध नगर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग परिवार सोसायटी द्वारा गांव ककराना में ३० महिलाओ को मुढ़ा बनाने का प्रशिक्षण दिया। इस मौके पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्री डी. के. सिंह ने बताया की नाबार्ड की आजीविका एवं उधमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत गांव ककराना, समाना तथा नगला गज्जू में स्वयं सहायता समूह की 90 महिलाओ को हस्तनिर्मित मूढ़ा बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके। चूंकि मुढा बनाने में उपयोग होने वाली कच्ची सामग्री स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है। पर्यावरण को बचाने में भी इस तरह के उत्पाद सहायक सिद्ध होते है क्योंकि इनको बनाने में किसी तरह का प्रदूषण नही होता। भारत जैसे बड़े देश में हस्तनिर्मीत उत्पादों की बहुत आवश्यकता है क्योंकि इनसे एक बहुत बड़ी आबादी को रोजगार मिलता है। जिला अग्रणी प्रबंधक श्री विनोद कुमार ने बताया कि इस कार्य के लिए जो ऋण की आवश्यकता होगी बैंक उसको पूरा करेगा। परिवार सोसायटी के सचिव ललित त्यागी ने बताया कि भारत की अधिकांश आबादी गांवों में रहती है लेकिन आर्थिक उदारीकरण के बाद शहरों की तुलना में गांवों में रोजगार में कमी आई है इसलिए रोजगार की तलाश में गांवों से शहरों की तरफ हो रहे पलायन को कम करने के लिए हमे गांवों में रोजगार बढ़ाने होंगे। इसी क्रम में नाबार्ड का यह प्रयास सार्थक सिद्ध होगा। १५ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ। इस मौके पर सभी को सर्टिफिकेट वितरित किए गए। समापन कार्यक्रम में परियोजना प्रबंधक ऋषिपाल सिंह, प्रशिक्षक सलेक चांद, भरत सिंह, गुड़िया राणा, गीता, तारा, रश्मि, प्रीति, पूजा, लीलावती, सीक्षा आदि ने भाग लिया।
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