दिल्ली, जनविरोधी बजट के खिलाफ सीपीआई(एम) दिल्ली राज्य कमेटी के आह्वान पर आज 28 फरवरी 2023 को सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सीपीआई(एम) के महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी ने केंद्र सरकार के बजट को जनविरोधी करार दिया। निजीकरण के नाम पर सरकारी संपदा जो जनता की संपत्ति है, उसे मुट्ठीभर लोगों के सुपुर्द किया जा रहा है। सरकारी बैंकों से बड़े-बड़े पूँजीपतियों के लाखों करोड़ के कर्ज की माफी जनता की संपत्ति की लूट का ही उदाहरण है। जनता की संपत्ति की लूट से कोरोना महामारी के बाद भी भारत में खरबपतियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे ही मोदी सरकार विकास का पैमाना बता रही है। दूसरी तरफ पिछले दो सालों में 23 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से भी नीचे चले गए। अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती ही जा रही है। लोगों की खरीद क्षमता को बढ़ाए बिना अर्थव्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया जा सकता। सरकारी निवेश को बढ़ाए बिना बेरोजगारी की समस्या का समाधान संभव नहीं है। लेकिन सरकार की इससे ठीक उल्टी नीति चल रही। खाद्य पदार्थ एवं जरूरत के सामान और दवाईयों पर जीएसटी लगाकर जनता की जेब को खाली किया जा रहा है। सस्ता राशन जो दिया जा रहा था, उसे भी इस बजट में छीन लिया गया है। जनता में बढ़ती परेशानी को सांप्रदायिक तनाव पैदा कर भटकाने की कोशिश जारी है। ऐसे में जरूरी है कि सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता को संगठित किया जाए। आज वाम पार्टियों के साथ अन्य जनवादी ताकतों को एक साथ मिलकर भाजपा को हराना होगा। यही आज की राष्ट्रभक्ति है। प्रदर्शनकारियों को दिल्ली राज्य सचिव कॉमरेड के. एम. तिवारी के साथ अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के सह सचिव कॉमरेड विक्रम एवं सचिवमंडल सदस्य आशा शर्मा, सहबा फरुकी, सुबीर बनर्जी आदि नेताओं ने संबोधित किया। सभा का संचालन सचिवमंडल सदस्य कॉमरेड अनुराग सक्सेना ने किया।नोएडा से प्रदर्शन में सीपीआई (एम) नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा, डॉक्टर रुपेश वर्मा, रामस्वारथ, भीखू प्रसाद, हरकिशन सिंह, राम सागर के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया इसी तरह गाजियाबाद से भी दर्जनों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। और दिल्ली से भी विभिन्न जिलों से कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। साथ ही बड़ी संख्या में महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हुई।
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