उत्तराखंड। राजकीय इंटर कालेज भोगपुर, हरिद्वार, उत्तराखंड के वरिष्ठ प्रवक्ता डा.सतीश कुमार शास्त्री को फिजी के नादी शहर में हो रहे 12 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में सहभागिता का अवसर विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि मंडल के सदस्य के रूप में मिलना एक गर्व क़ी बात है। दिनांक 15 से 17 तक आयोजित इस 12 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन नादी, फीजी में प्रतिभाग करने हेतु 10 फरवरी को विदेश मंत्रालय से प्राप्त हुए निमन्त्रण का समाचार सभी क्षेत्रवासियों के लिए गौरव का क्षण था। डा.सतीश कुमार शास्त्री 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेगे ! कोरोना काल में डा. शास्त्री ने सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल वेबिनार्स के माध्यम से दुनियां भर के साहित्यकारों को एक मंच पर जोड़े रखा ! इससे पूर्व भी तीन बार फीजी जाकर हिन्दी और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर चुके हैं जिसके लिए उन्हें 2019 में भारतीय उच्चायोग सूवा फीजी के तत्कालीन उच्चायुक्त महामहिम विश्वास सपकाल एवम् तत्कालीन केन्द्रीय शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री फीजी सरकार रोजी अकबर द्वारा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी प्रचारक का सम्मान भी प्राप्त हो चुका है। सम्मेलन में विश्वभर से कई हजार वरिष्ठ साहित्यकार और हिन्दी प्रेमी फीजी पहुँच रहें हैं ! भारत भर से भी बडी संख्या में वरिष्ठ साहित्कार, हिन्दी सेवी, पत्रकार और कविगण फीजी पहुंच रहे है ! प्रतिनिधि मंडल की संख्या लगभग 300 के करीब होने की सम्भावना है, सभी सदस्यों को एक विशेष विमान (चार्टेर्ड प्लेन) द्वारा फीजी ले जाया जायेगा ! डा. सतीश शास्त्री को विदेश मंत्रालय से निमंत्रण मिलते ही देश और प्रदेश भर से बधाइयों का ताता लगा हुआ है ! प्रांतीय शिक्षक संघ एवं अनेकों प्रतिष्ठित संस्थानों व संगठनों द्वारा शुभकामनाएँ मिल रही हैं ! उनके पैतृक गांव अलावलपुर सहित पूरे क्षेत्र में खुशियों क़ी बयार सी आ गई है। इस महत्व पूर्ण अकादमिक आयोजन में सहभागिता का अवसर मिलना डॉ सतीश शास्त्री जी क़ी एक बड़ी उपलब्धि है।
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