नई दिल्ली - 05 फरवरी 2023 - जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में आयोजित एम्बीएंटे फेयर, 2023 में ईपीसीएच इंडिया पवेलियन का उद्घाटन जर्मनी में भारत के राजदूत महामहिम श्री हरीश पर्वथानेनी; फ्रैंकफर्ट में काउंसल जनरल डॉ. अमित एस. तेलंग; मेसे फ्रैंकफर्ट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कंज्यूमर गुड्स एंड सेल्स श्री स्टीफेन कुर्जावास्की; हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के उपाध्यक्ष श्री दिलीप बैद; ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार; ईपीसीएच के सीओए सदस्य श्री प्रिंस मलिक, श्री राजेश के. जैन, श्री अरशद मीर; सदस्य प्रदर्शक और मास्टर शिल्पकारों की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने बताया कि यह मेला 03 से 07 फरवरी, 2023 तक आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में सबसे बड़ी विदेशी भागीदारी भारत की है, जिसमें लगभग 530 प्रतिभागी हैं, इसके बाद चीन का स्थान है। उन्होंने कहा कि आयोजन स्थल के प्रवेश द्वार पर भारत का झंडा प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना भारतीय भागीदारी के महत्व को दर्शाता है। अपनी बात को विस्तार देते हुए श्री कुमार ने कहा कि जर्मनी में भारत के राजदूत महामहिम श्री हरीश पार्वथनेनी के साथ एक संवाद सत्र भी फ्रैंकफर्ट में आयोजित मेले के साथ ही 3 फरवरी 2023 को आयोजित किया गया था। इस अवसर पर महावाणिज्य दूतावास में काउंसल जनरल डॉ. अमित एस तेलंग की भी उपस्थिति रही। इस संवाद सत्र में हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ईपीसीएच की गतिविधियों और विभिन्न पहल को राजदूत के समक्ष रखा गया और आने वाले वर्षों में व्यापार को और बढ़ाने के लिए समर्थन मांगा गया। माननीय राजदूत ने सभी को ध्यान से सुना और भविष्य में व्यापार को बढ़ावा देने में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। ईपीसीएच के उपाध्यक्ष श्री दिलीप बैद भी संवाद सत्र में उपस्थित थे।श्री कुमार ने आगे बताया कि ईपीसीएच हस्तशिल्प पैवेलियन में उत्कृष्ट लैंप और लाइटिंग, फर्नीचर और एसेसरीज, मोमबत्तियां, अगरबत्ती, क्रिसमस की सजावट, होम टेक्सटाइल्स, गलीचे और कुशन, हाउसवेयर, पेपर उत्पाद, शॉल, स्कार्फ और अन्य हस्तशिल्प वस्तुओं, सस्टेनेबल सामग्री और प्रक्रियाओं के उपयोग को व्यापक रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है। हस्तशिल्प विकास आयुक्त के कार्यालय ने बिहार से मधुबनी पेंटिंग, राजस्थान से हाथ ब्लॉक मुद्रित शिल्प, छत्तीसगढ़ से आर्ट मेटल वेयर (ढोकरा क्राफ्ट), हिमाचल प्रदेश से कांगड़ा पेंटिंग क्राफ्ट के शिल्प कौशल, गुजरात से बारी कढ़ाई और राजस्थान से मोलेला टेराकोटा शिल्प का लाइव प्रदर्शन करने के लिए छह मास्टर शिल्पकारों को भी वहां नियुक्त किया है। राज कुमार मल्होत्रा, अध्यक्ष - ईपीसीएच ने बताया कि मेले में 55 निर्यातकों के साथ परिषद की भागीदारी दुनिया भर के आगंतुकों को आकर्षित कर रही है और जीआई टैग वाले हस्तकला उत्पादों के कारीगरों द्वारा लाइव शिल्प प्रदर्शन आगंतुकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। फ्रैंकफर्ट में जर्मनी में भारत के राजदूत ने काउंसल जनरल की उपस्थिति में प्रदर्शकों से मुलाकात की और उनके व्यावसायिक प्रयासों की सराहना की।ईपीसीएच के उपाध्यक्ष श्री दिलीप बैद ने कहा कि एम्बीएंटे जर्मनी में आयोजित होने वाले सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मेलों में से एक है, जहां बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय् खरीदार अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आते हैं और मेले में भारतीय निर्यातकों की इस तरह की भागीदारी से विदेशी बाजारों में भारत की निर्यात वृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि भारतीय निर्यातक 5 प्रमुख क्षेत्रों - गुणवत्ता, स्थायित्व, डिजाइन, मूल्य और स्थिरता को अपना रहे हैं और उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का प्रयास कर रहे हैं। श्री बैद ने आगे कहा कि जर्मनी में भारतीय मिशन द्वारा दिया गया सहयोग सराहनीय है, क्योंकि यह हर साल हमारी भागीदारी को बहुत सुविधाजनक बनाता है।
एम्बीएंटे 2023 - यूरोप का अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता सामान मेला दो साल के अंतराल के बाद मेस फ्रैंकफर्ट में क्रिसमसवर्ल्ड और क्रिएटिववर्ल्ड के समानांतर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 160 देशों के 4,561 से अधिक प्रदर्शक खरीदारों को अपने नवीनतम उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं ।
इस अवसर पर ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने सूचित किया कि ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 33253.00 करोड़ ( 4459.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जिसमें बीते वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 29.49% और डॉलर के संदर्भ में 28.90% की वृद्धि दर्ज हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान यूरोपीय यूनियन में होने वाला हस्तशिल्प निर्यात 987.48 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें बीते वर्ष यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में 20 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज हुई है। वहीं इसमें जर्मनी में होने वाला हस्तशिल्प निर्यात 243.65 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें बीते वर्ष की तुलना में 18% से ज्याद की वृद्धि दर्ज हुई है।
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