गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज एण्ड ऍप्लाइड साइंसेज के भौतिकी विज्ञान विभाग तथा स्कूल ऑफ इन्फॉर्मैशन एण्ड कम्यूनिकेशन टेक्नोलोजी द्वारा संयुक्त रूप से विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान का विषय रहा, “लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सिस्टम्स एण्ड रिलायबिलिटी”। यह व्याख्यान रोचेस्टर् विश्वविद्यालय (संयुक्त राज्य अमेरिका) से पी0एच0डी0 एवं वर्तमान में AVEA Inc. के लेजर डेवलपमेंट डिवीजन में वरिष्ठ प्रबंधक डॉक्टर प्रशांत बवेजा द्वारा दिया गया। जहां रडार की कार्य प्रणाली रेडियो तरंगों के उपयोग पर आधारित होती है वहीं लिडार में प्रकाश तरंगों का उपयोग होता है। डॉक्टर बवेजा ने अपने व्याख्यान में विभिन्न क्षेत्रों में लिडार के व्यवहारिक उपयोगों के बारे में विस्तार से बताया। विशेष रूप से हाई रेजोल्यूशन मैप तैयार करने, सर्वेक्षण करने, वायुमंडलीय भौतिकी, लेजर गाइडन्स एवं दुश्मन का पता लगाने आदि का वर्णन किया। ज्ञात हो कि लिडार तकनीक को स्वतः वाहन चालन के लिए रामबाण तकनीक के रूप में देखा जा रहा है। लिडार आधारित सेन्सर तकनीक वस्तुओं को खोजने एवं दूरियों के आकलन के लिए भी प्रयोग की जाती है। उन्होंने स्वचालित वाहनों के विकास हेतु ऐसे सेंसरों को अति महत्वपूर्ण बताया। साथ ही इस तकनीक के पूरे विकसित होने पर वाहन दुर्घटनाओं में भारी कमी आने एवं स्वचालित कारों के बाजार में बेतहाशा वृद्धि की भविष्यवाणी की। उन्होंने लिडार सिस्टम्स की कीमतों को घटाने तथा भारी बारिश, बर्फबारी एवं कोहरे में काम करने की इनकी दक्षता बढ़ाने हेतु शोध किए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
डॉक्टर प्रशांत बवेजा ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के छात्रों एवं अध्यापकों के विभिन्न प्रश्नों का भी जवाब दिया। कार्यक्रम में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवींद्र कुमार सिन्हा ने सहभागिता करते हुए लिडार सहित अन्य प्रकाशीय तकनीकों के महत्व पर विशेष प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने उपस्थित छात्रों एवं अध्यापकों को भविष्योन्मुखी शोध एवं विकास के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर मनमोहन सिंह शिशोदिया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर एन0 पी0 मलकानिया, अधिष्ठाता शैक्षणिक ने की। कार्यक्रम में डॉ0 मौसूमी पोहित, डॉ0 विवेक कुमार शुक्ला, डॉ0 आशीष केसरी, डॉ0 भावना जोशी, डॉ0 अमित उजलायन, डॉ0 उपमा सिंह, डॉ0 अनुराग बघेल, डॉ0 अक्षय सिंह, डॉ0 एम0 ऍ0 अंसारी, डॉ0 ओमवीर सिंह, डॉ0 भास्वती बनर्जी, डॉ0 तासवीन अशरफ, डॉ0 नागेन्द्र सिंह, डॉ0 विनय लिटोरिया, डॉ0 नावेद रिजवी, डॉ0 विमलेश कुमार एवं डॉ0 राजेन्द्र बहादुर सहित विभिन्न संकाय सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
0 टिप्पणियाँ