गौतम बुद्ध नगर ग्रेटर नोएडा। पूरे वैज्ञानिक समुदाय में कई अलग-अलग पहलुओं में शवों का उपयोग किया जाता है। विज्ञान के लिए शवों के उपयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उन्होंने विज्ञान को मानव शरीर की शारीरिक रचना से संबंधित बड़ी मात्रा में जानकारी प्रदान की है। गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, ग्रेटर नोएडा के एनाटॉमी विभाग ने आज एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को मृत शरीर की शपथ दिलाई। शव को किसी भी मेडिकल छात्र का पहला शिक्षक माना जाता है। एक मृत व्यक्ति की शपथ एक शपथ है जो एक मेडिकल छात्र विच्छेदन हॉल में लाश को छूने से पहले लेता है; शपथ मृत व्यक्ति के साथ उचित व्यवहार, आत्मा को श्रद्धांजलि देने और युवा मेडिकोज के मन में सहानुभूति के विचार को गाँठने पर जोर देती है। इस शपथ लेने के बाद दान की गई मानव लाशों पर विच्छेदन व्यावहारिक कक्षाएं शुरू होती हैं।इस समारोह का हिस्सा बनना किसी भी एमबीबीएस छात्र के लिए अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत में गर्व और सौभाग्य का क्षण है। समारोह का आयोजन निदेशक, डॉ (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता की उपस्थिति में किया गया, जिसमें वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. रंजना वर्मा, डॉ. पी.एस. मित्तल, डॉ. भारती भंडारी राठौर, डॉ. मनीषा सिंह और सभी संकाय और कर्मचारी शामिल हुए। एनाटॉमी विभाग के। शपथ निदेशक, GIMS द्वारा दिलाई गई, जिसके बाद शवों को पुष्पांजलि अर्पित की गई।
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