नई दिल्ली- 19 जनवरी 2023- हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने 19 जनवरी 2023 (गुरुवार) को नई दिल्ली में 'निर्यात बाजारों को एमएसएमई के लिए आसान बनाने' पर एक इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन किया Iश्री राज कुमार मल्होत्रा, अध्यक्ष - ईपीसीएच और अध्यक्ष, उत्तरी क्षेत्र - एफआईईओ, श्री सौरभ गोयल, डिप्टी, डीजीएफटी, डीजीएफटी आरए नई दिल्ली; श्री रवि पासी, पूर्व अध्यक्ष, ईपीसीएच और संयोजक (उत्तरी क्षेत्र); सीए मनोज कुमार गोयल, मैनेजिंग पार्टनर, मेसर्स आरएचएमएस कंपनी; श्री गरिश मल्होत्रा के नेतृत्व में इंटरटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की टीम; श्री सौरभ श्रीवास्तव, एजीएम ईसीजीसी, नई दिल्ली, श्री विशाल ढींगरा, अध्यक्ष, सोर्सिंग कंसल्टेंट्स एसोसिएशन (बीएए), नई दिल्ली; श्री अरशद मीर, सदस्य सीओए - ईपीसीएच और अध्यक्ष - हस्तशिल्प और कालीन क्षेत्र कौशल परिषद; श्री प्रिंस मलिक, सदस्य सीओए - ईपीसीएच, श्री सिमरनदीप सिंह कोहली, सदस्य सीओए - ईपीसीएच; श्री राजेश रावत – अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक ईपीसीएच और नई दिल्ली के प्रमुख निर्यातक उपस्थित थे - श्री राकेश कुमार, महानिदेशक ईपीसीएच ने सूचित किया।
श्री राज कुमार मल्होत्रा अध्यक्ष - ईपीसीएच व उत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष - एफआईईओ ने डीजीएफटी, ईसीजीसी, इंटरटेक, सोर्सिंग कंसल्टेंट्स एसोसिएशन (बीएए), जीएसटी जैसी विभिन्न एजेंसियों के सभी वरिष्ठ अधिकारियों और दिल्ली के प्रमुख निर्यातकों का स्वागत किया I उन्होंने बताया कि यह सेमिनार ईपीसीएच और एफआईईओ ने संयुक्त रूप से आयोजित किया है ताकि निर्यातकों को ईसीजीसी, जीएसटी, डीजीएफटी, अंतरराष्ट्रीय अनुपालनों से जुड़े मुद्दों को हल करने में आसानी हो और उनके निर्यात में वृद्धि हो I उन्होंने कहा कि ईपीसीएच जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिष्ठित फैकल्टी के सहयोग से में सेमिनार आयोजित करने में हमेशा सबसे आगे रहा है Iश्री राज कुमार मल्होत्रा ने ये भी कहा कि हस्तशिल्प निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता और निर्यात अवसरों की एक विस्तृत रेंज तक पहुंच बनाने में अंतरराष्ट्रीय बाजार मानक और अनुपालन एक महत्वपूर्ण कारक बन रहे हैं I करीब 70 फीसद भारतीय हस्तशिल्प निर्यात के अनुपालन के प्रति जागरूक बाजारों में भेजे जाते हैं, और वैश्विक ब्रांड और खरीदार उन भारतीय निर्यातकों से ही ऑर्डर करना पसंद करते हैं जो यहां बेहतर कार्य परिस्थितियों, पर्यावरण अनुकूल कार्यक्षेत्र और मानकों के अनुरूप उत्पाद तैयार करते हैं Iश्री आर. के. वर्मा, ईपीसीएच - कार्यकारी निदेशक ने बताया कि आज का सेमिनार ईपीसीएच ने आयोजित किया है ताकि दिल्ली के निर्यातकों को ईसीजीसी, डीजीएफटी, जीएसटी, अनुपालनों, परीक्षणों और गुणवत्ता से जुड़े मुद्दों को हल करने में मदद मिले और इस विश्व प्रसिद्ध भारतीय उत्पादन क्लस्टर से निर्यात को और बढ़ावा दिया जा सके I अपने बिजनेस को जांच व परीक्षण के साथ और अनुपालनों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार करके निर्यातक अपने वर्तमान व्यवसाय को ही बहुत आगे ले जा सकते हैं, इससे उनकी घरेलू, ऑनलाइन और अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ेगी I
ईपीसीएच के पूर्व अध्यक्ष और संयोजक (उत्तर क्षेत्र) श्री रवि पासी ने कहा कि निर्यातकों के निर्यात भुगतान को सुरक्षित करने में ईसीजीसी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उन्हें दुनिया भर के बाजारों में निर्यात कर पाने का विश्वास दिलाता है Iश्री सौरभ गोयल, डिप्टी डीजीएफटी, डीजीएफटी आरए नई दिल्ली ने कहा कि डीजीएफटी योजनाओं और प्रोत्साहनों ने भारत के निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ब्याज समकरण योजना, ईपीसीजी योजना, एमएआई योजना, डीएफआईए जैसी अन्य योजनाएं निर्यातकों के लिए उपलब्ध हैं ताकि उन्हें अपना निर्यात बढ़ाने में मदद मिल सके। उन्होंने डाक निर्यात केंद्र, गुणवत्ता शिकायत और व्यापार विवाद समिति (सीक्यूसीटीडी) विवाद समाधान के लिए जैसी योजनाओं का भी उल्लेख किया।इंटरटेक इंडिया के तकनीकी विशेषज्ञ श्री गरिश मल्होत्रा एवं उनके सहयोगियों ने एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया और बताया कि ये माना जाता है कि वैश्विक बाजार के लिए आवश्यक अनुपालन निर्यातकों पर काफी बड़ी रकम का बोझ डालती है, लेकिन यह बहुमूल्य निवेश वास्तव में निर्यात ऑर्डर प्राप्त करने, टर्नओवर और लाभ को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होता है Iसीए मनोज कुमार गोयल ने आने वाले वर्षों में जीएसटी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए हाल के दिनों में किए गए नवीनतम संशोधनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जीएसटी के अनुपालन की आवश्यकता पर बल दिया ताकि विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले किसी भी नोटिस या दंड से बचा जा सके।श्री सौरभ श्रीवास्तव- एजीएम, ईसीजीसी, नई दिल्ली ने ईसीजीसी की योजनाओं और निर्यातकों के लिए इसके मौजूदा लाभ पर एक विस्तृत प्रजेंटेशन दिया Iसोर्सिंग कंसल्टेंट्स एसोसिएशन (बीएए) के अध्यक्ष श्री विशाल ढींगरा ने कहा कि निर्यातक अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार अनुपालन, जांच व परीक्षण की तैयारी करके अपने अपने वर्तमान बिजनेस को फायदा पहुंचा सकते हैं. इससे उन्हें अपनी घरेलू, ऑनलाइन और अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति को और बढ़ाने का मौका मिलेगा I उन्होंने ये भी कहा कि व्यापार का मूल कौशल सोर्सिंग है जिससे बाइंग एजेंट्स बातचीत करते हैं और निर्यातकों के साथ बिजनेस रिलेशन बनाते हैं I व्यापार का उद्देश्य अपने निर्यातकों को इस क्षेत्र विशेष के बारे में सभी ताजा बदलाव, जानकारियों से अवगत कराना भी है और उन्हें रणनीतिक सोर्सिंग की बारीकियों के बारे में शिक्षित भी करना है Iईपीसीएच देश से दुनिया के विभिन्न गंतव्यों में भारतीय हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता के हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारतीय छवि को पेश करने वाली एक नोडल संस्था है I ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने बताया कि साल 2021-22 के दौरान 33253.00 करोड़ रुपये (4459.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का निर्यात हुआ था जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 29.49% जबकि डॉलर के संदर्भ में 28.90% की वृद्धि दर्ज की गई थी I
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