“विज्ञान मनुष्य नहीं बनाता बल्कि मनुष्य विज्ञान साधता है और साहित्य से मनुष्यता विकसित होती है” – प्रो. रविन्द्र सिन्हा
गौतम बुद्ध नगर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग ने साहित्य-महोत्सव मनाया । महोत्सव के उद्घाटन में महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल मुख्य अतिथि रहे । अपने भाषा में उन्होंने कहा कि ‘साहित्य को विज्ञान से जोड़ना होगा’ । उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने कहा कि ‘साहित्य समाज के मन की अभिव्यक्ति है’ तथा जी.बी.यू के कुलपति तथा मोहत्सव के अध्यक्ष प्रो. रविन्द्र सिन्हा ने कहा कि ‘आटिर्फिशियल इन्टेलिजेंस सिर्फ सूचना प्रदान करता है किंतु सुचना को किस प्रकार प्रसारित करना है तथा किस प्रकार ग्रहण किया जायेगा यह साहित्य तय करता है । विज्ञान मनुष्य नहीं बनाता बल्कि मनुष्य विज्ञान साधता है’ । मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता और इस कार्यक्रम को दिशानिर्देश देने वाली प्रो. वंदना पाण्डेय ने कहा कि साहित्य मनुष्य को संवेदनशील बनाता है और मीडिया के साथ मिलकर मीडिया को समाज का संवेदनीय दर्पण बनाता है ।
महोत्सव के प्रथम सत्र में ‘साहित्य और स़ृजनशीलता’ कवि एवं बाल साहित्यकार प्रो. दीविक रमेश, उपन्यासकार डॉ. रिजवान उल हक़, हाइकूकार डॉ. अनीता कपूर, युवा कवि केतन यादव ने सृजन प्रक्रिया पर बात करते हुए अपनी रचनाओं का पाठ किया । द्वितीय सत्र ‘भारतीय भाषाएँ एवं साहित्य’ में प्रो. अबुबकर अब्बास, डॉ. पूनम सूद ने भारतीय भाषाओं में लिखे जा रहे साहित्य पर विस्तृत चर्चा की । तृतीय सत्र ‘साहित्य मीडिया और रोजगार’ में प्रो. रमेश यादव ने मीडिया का इतिहास, प्रो. जी.आर सैय्यद ने सिनेमा में रोज़गार के अवसर, चतुर्थ सत्र ‘सिनेमा और साहित्य’ प्रो. नज़मा रहमानी ने पटकथा लेखन एवं सिनेमा देखने की विधि, डॉ. नीरा जलछत्रि ने सिनेमा परिदृश्य पर विस्तृत चर्चा की । समापन सत्र के मुख्य अतिथि भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक श्री संजय द्विवेदी ने सिनेमा, साहित्य और यथार्थ पर बात करते हुए महोत्सव को अपने ज्ञान से समृद्ध बनाया । इस महोत्सव की संरक्षक अधिष्ठाता प्रो. वंदना पाण्डेय, समन्वयक डॉ. ओम प्रकाश तथा आयोजक सचिव डॉ. रेनू यादव एवं डॉ. ओबैदुल गफ्फार तथा भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग और जनसंचार विभाग के फेकल्टीज़ डॉ. दिवाकर गरवा, डॉ. ख़ान मोहम्मद आसिफ, डॉ. रेहाना सुल्ताना, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. विभावरी, डॉ. राजर्षि अधिकारी, डॉ. सन्निधि शर्मा, कादम्बरी, डॉ. दीपा रानी, प्रतिमा, डॉ. रूचिका पोद्दार तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं तथा विश्वविद्यालय के फेकल्टीज़ एवं विद्यार्थियों ने शामिल होकर महोत्सव को सफल बनाया ।
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